दुर्ग। तांदुला एवं अन्य जलाशयों से किसानों के लिए पानी छोड़ दिया गया है। कल संभागीय जल उपभोक्ता समिति के निर्णय के बाद पानी छोड़ गया। संभाग में कृषकों के लिए जीवनदायी समझे जाने वाले तांदुला जलाशय में फिलहाल 90 फीसदी पानी है।
तांदुला वृहत जलाशय से सिंचाई के लिए एक लाख एक हजार आठ सौ सत्तावन हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में सांसद विजय बघेल, विधायक विद्यारतन भसीन, ममता चंद्राकर, भुनेश्वर बघेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में संभागायुक्त दिलीप वासनीकर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जलाशयों में जलभराव की स्थिति एवं किसानों से आ रही मांगों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। इसके पश्चात समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से तांदुला सहित अन्य जलाशयों में जलभराव और किसानों की मांग को देखते हुए पानी छोडऩे का निर्णय लिया।
सांसद विजय बघेल ने सभी जनप्रतिनिधियों से कहा कि जल की एक-एक बूंद अमूल्य है यह जरूरतमंद किसानों तक पहुंचे, इसके लिए सिंचाई विभाग द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जाएगी।
जनप्रतिनिधि भी इस कार्य में विभागीय अधिकारियों को पूरा सहयोग प्रदान करें। जहां संधारण की जरूरत है वहां अधिकारी प्रभावी रूप से संधारण का कार्य करें ताकि सभी किसानों की जरूरतें पूरी हो सके।
बैठक में संभाग के सभी जिलों में जलभराव की स्थिति की समीक्षा की गई। राजनांदगांव जिले के अतिरिक्त अन्य जिलों में स्थिति बेहतर पाई गई। विशेष रूप से अंतिम कुछ दिनों में अच्छी बारिश से जलभराव की स्थिति अच्छी हुई। कवर्धा में जलाशयों में अच्छा जलभराव हुआ है।
कमिश्नर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि जल छोडऩे के पश्चात् पेट्रोलिंग कार्य निरंतर जारी रखें। उन्होंने कहा कि निस्तारी तालाबों को भरने के लिए और पेयजल के लिए जो सीमा निर्धारित की जाती है उसका भी विशेष रूप से ध्यान रखें।
बैठक में दुर्ग कलेक्टर अंकित आनंद तथा राजनांदगांव कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने अपने जिलों में जलाशयों के जलभराव एवं सिंचाई की स्थिति की विस्तार से जानकारी दी एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित भी किया।
अभी क्या है स्थिति-
दुर्ग संभाग के अंतर्गत 5 जिलों में 1 वृहत एवं 17 मध्यम योजनाओं से कुल एक लाख नब्बे हजार दो सौ अस्सी हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र हेतु सिंचाई क्षमता निर्मित है। इन सभी योजनाओं से वर्ष 2018-19 में एक लाख बयासी हजार हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध एक लाख पैंतालीस हजार हेक्टेयर में सिंचाई की गई।
वर्ष 2019-20 में तांदुला वृहद परियोजना से एक लाख एक हजार आठ सौ सतावन हेक्टेयर एवं 17 मध्यम योजनाओं से अस्सी हजार आठ सौ अठावन हेक्टेयर अर्थात कुल एक लाख बियासी हजार सात सौ पंद्रह हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है।
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