रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके निवास पर आयोजित छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अगले बजट में भवन विहीन अनुसूचित जनजाति छात्रावासों-आश्रमों के भवन निर्माण के कार्य प्राथमिकता के आधार पर शामिल करने की सहमति दी है। बैठक में परिषद के सदस्यों ने जिला और विकासखंड मुख्यालयों में स्थित छात्रावास आश्रमों की सीट बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा था कि इन छात्रावास आश्रमों में निर्धारित संख्या से अधिक संख्या में विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। सीटें उपलब्ध होने से विशेष रूप से छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने निजी मेडिकल कॉलेज सहित निजी क्षेत्र के व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में आदिवासी विद्यार्थियों की फीस की व्यवस्था के लिए डीएमएफ फंड से प्रस्ताव करने का सुझाव सदस्यों को दिया। परिषद के सदस्यों ने बैठक में बताया कि निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण आदिवासी विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजातियों के सभी शिक्षित युवाओं को पात्रतानुसार सरकारी नौकरी देने का निर्णय भी परिषद की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सभी जिलों में कलेक्टरों के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजातियों के सभी शिक्षित युवाओं की सूची तैयार कर ली जाए ताकि इन शिक्षित युवाओं को पात्रतानुसार नियुक्ति देने की कार्रवाई की जा सके।
मुख्यमंत्री कहा कि परिषद के सदस्यों सहित सभी जनप्रतिनिधि जब भी अपने क्षेत्र के दौरे पर जाएं तो वहां जन्म से ही जाति प्रमाण पत्र वितरित करने के राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए प्रावधानों के तहत पात्र लोगों के बच्चों के जाति प्रमाण पत्र भी वितरित करें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि हाटबाजारों में मुख्यमंत्री हाटबाजार क्लिनिक योजना के तहत लगाए जा रहे चिकित्सा शिविरों का दौरा कर वहां व्यवस्थाओं को भी देखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से दूरस्थ अंचलों में बड़ी संख्या में वनवासी लाभान्वित हो रहे हैं। इन शिविरों में इलाज कराने वालों की संख्या काफी अधिक है। यहां स्वास्थ्य परीक्षण के साथ नि:शुल्क दवाईयां वितरित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को अपने भ्रमण के दौरान सुपोषण योजना के क्रियान्वयन और स्कूलों, छात्रावास, आश्रमों का दौरा करने का सुझाव भी दिया।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में ऐसे 1088 गांव है, जिनमें से प्रथम चरण में 637 गांवों के नक्शों तथा द्वितीय चरण में 231 गांवों के नक्शों का सत्यापन किया जा चुका है। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति संस्कृति एवं भाषा अकादमी के गठन हेतु ड्राफ्ट कमेटी गठित करने और कमेटी में विषय विशेषज्ञों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
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