रायपुर। राज्य में छत्तीसगढ़ी को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं। प्रदेश में सरकार ने आयोग का गठन तो कर दिया है, लेकिन इसके भाषा के उपयोग को लेकर अभी तक कुछ खास नहीं हुआ है।
ज्यादातर इलाकों में सरकारी ऑफिसों में भी इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। यहां तक अफसर और कर्मचारी भी इस भाषा से दूर है। अब नई कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर कुछ नया करने के मूड में है।
छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग को बने कई साल हो गए, लेकिन यह बात हमेशा सवालों के घेरे में रही कि राज्य के गैर-छत्तीसगढ़ी अधिकारी और कमर्चारियों को छत्तीसगढ़ी भाषा का ना ही प्रशिक्षण दिया गया ना ही राजकाज में भाषा की अनिवार्यता की गई।
वहीं अब सरकार राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों की सीआर लिखने के लिए छत्तीसगढ़ी को अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इस पर प्रस्ताव भी आ सकता है। कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर गंभीर है।
उसने सरकार बनने के बाद जिस तरह से छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी को तरजीह दी है उससे साफ है सीएम भूपेश छत्तीसगढिय़ा लाइन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।इस संबंध में सरकार का मानना है कि इससे ना केवल गैर-छत्तीसगढिय़ा अधिकारी और कर्मचारी छत्तीसगढ़ी सीखेंगे और उसे उपयोग में लाएंगे, बल्कि इससे ग्रामीणों से उनका संवाद भी ठीक से हो पाएगा। इसके लिए मंत्रालय में जल्द ही प्रशिक्षण भी शुरू किया जाएगा।
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