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BIG BREAKING- छत्तीसगढ़ : जारी है बारिश का असर… दूसरे दिन भी कटा रहा कई क्षत्रों से सडक़ संपर्क… इंद्रावती और शबरी अभी भी डेंजर लेवल पर…100 मकान डूबे…60 ढहे… चार गांव जलमग्न

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में तीन दिनों की आफत वाली बारिश के बाद आज हालांकि तेज बारिश नहीं हुयी, लेकिन आसमान पर काले बादल छाए रहे और कहीं-कहीं बंूदाबांदी होती रही। बावजूद उड़ीसा के खातीगुड़ा डेम से पानी छोड़े जाने के कारण इंद्रावती नदी का जलस्तर डेेंजर लेवल पर बह रहा है।

इस बीच शबरी नदी में आयी बाढ़ से आज दूसरे दिन भी सुकमा जिले का उड़ीसा एवं तेलंगाना प्रदेश से सडक़ संपर्क विच्छेद है। बीजापुर जिले में भी बाढ़ के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। बाढ़ के चलते बीजापुर से तेलंगाना मार्ग आज लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा।

बाढ़ की विभीषिका से बस्तर संभाग का तेलंगाना एवं उड़ीसा समेत संभाग के अनेक गांवों से सडक़ संपर्क सुगम नहीं हो पाया है। सुकमा से उड़ीसा मार्ग पर शबरी नदी का पानी पुल के 6 फीट ऊपर बह रहा है।



बाढ़ की वजह से दुब्बाकोटा के निकट नेशनल हाईवे मार्ग डूब गया है, जिससे तेलंगाना जाने वाली वाहनों को रोक दिया गया है। च्च्बीजापुर जिला मुख्यालय से बासागुड़ा, गंगालूर, तारलागुड़ा, कुटरू मार्ग आज तीसरे दिन भी अवरूद्ध रहा।

इधर इंद्रावती नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बहने से चार गांव जलमग्र हो गए हैं। इंद्रावती नदी के खतरे के निशान के ऊपर बहने से निचली बस्तियों को खाली करा कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है।



बाढ़ पीडि़तों के लिए शहर के अनेक स्कूलों में राहत केन्द्र खोले गए हैं, शिविरार्थियों को प्रशासन द्वारा भोजन एवं उपचार मुहैया करवाया जा रहा है। नदी किनारे के गांव आसना, छेपरागुड़ा, तामाकोनी, नगरनार, भेजपदर एवं नदीबोडऩा के राहत शिविरों में अब भी एक हजार लोग शरण पाए हुए हैं।

इंद्रावती नदी का तटीय इलाका डोंगाघाट, छेपरागुड़ा, धोबीगुड़ा एवं भेजापदर पूरी तरह टापू बन गए हैं। घनघोर वर्षा से जहां संभाग की निचली बस्तियों में अब तक 100 मकान डूब चुके हैं, वहीं, 60 मकान ढह गए हैं। 300 से अधिक मकानों में पानी घुस गया है।
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इस बीच कलेक्टर अय्याज तांबोली ने समस्त विभागीय प्रमुखों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और राहत कार्य बगैर किसी रूकावट के जारी रखने के निर्देश दिए हैं। लगातार बारिश के चलते स्कूलों एवं आंबा केन्द्रों में सार्वनजिक अवकाश रहा।

मूसलाधार बारिश की वजह से ग्रामीणों क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है तथा सैकड़ों गांव अंधेरे में बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं। तीन दिनों मेें पांच सौ से ज्यादा शिकायतें इस संबंध में दर्ज की गई हैं।

दो दिनों तक हुई तेज बारिश ने बस्तर जिले के देहात अर्ध शहरी क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों में जमकर उत्पात मचाया है। उल्लेखनीय है कि दिन भर की बारिश के चलते नगर का व्यवसायिक कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है और सुबह से रात तक दुकानदार व व्यवसायी अपने-अपने दुकान पर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे हैं।

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