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बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में 15 शहीद प्रकरणों में मिली अनुकंपा नियुक्ति… 109 प्रकरणों में निर्देश जारी

रायपुर। पुलिस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों का कार्य सदैव संघर्ष पूर्ण रहता है, उन्हें अपने सेवाकाल में चाहे नक्सल क्षेत्र में पदस्थापना हो अथवा कानून व्यवस्था बनाये रखना, महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा प्रदान करना तथा समाज में शांति व्यवस्था बनाये रखना और अपराध की रोकथाम तथा अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना, इस प्रकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से उन्हें दिन-रात जूझना पड़ता है।

अपनी सेवा के दौरान राज्य के बहुत से पुलिसकर्मी नक्सल क्षेत्रों में नक्सलियों के विरूद्ध लड़ाई में शहीद हो जाते हैं तथा कई बार बीमारियों, दुर्घटनाओं के दौरान आकस्मिक रूप से उनकी मृत्यु हो जाती है, ऐसी स्थिति में उनके परिवार के सदस्य तथा आश्रित अपने आपको बेसहारा और असहाय महसूस करने लगते हैं।



पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी के निर्देश पर त्वरित कार्यवाही करते हुये पुलिस कर्मियों के शहादत पर उनके आश्रितों को होने वाले आर्थिक सुविधाओं को शीघ्र प्रदान करने के निर्देश समस्त इकाईयों को दिये गये हैं।

पुलिस महानिदेशक अवस्थी ने सही और मृत पुलिस कर्मियों के आश्रितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए बताया कि पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मचारी की शहादत अथवा आकस्मिक मृत्यु होने पर विभाग द्वारा उनकी कमी को पूरा नही किया जा सकता परन्तु उनके आश्रितों की समस्याओं के निराकरण, अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने तथा उन्हें शासन की ओर से मिलने वाले आर्थिक लाभ तत्काल प्रदाय करने के लिए सभी इकाईयों को निर्देशित किया गया है।
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पुलिस विभाग में पूर्व से लंबित प्रकरण अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस की समस्त इकाईयों में कुल 109 प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति आदेश-निर्देश जारी किये गये हैं।

जिनमें 15 शहीद प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है तथा शेष विभिन्न दुर्घटनाओं एवं बीमारियों तथा आकस्मिक मृत्यु से संबंधित प्रकरण सम्मिलित हैं। कुछ प्रकरणों में जहां आश्रितों द्वारा अन्य विभागों में नियुक्ति चाही गई है।

उन प्रकरणों को शासन स्तर पर अन्य विभागों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने हेतु अगे्रषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों 9 अप्रैल 2019 को दंतेवाड़ा जिले में नक्सल घटना में शहीद आरक्षक दंतेश्वर मौर्य के पुत्र को बाल आरक्षक के पद पर 15 अप्रैल 2019 को नियुक्ति प्रदान की गई।

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