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लोक सुराज से नहीं हुआ समाधान, फरियादी ठोकरें खाने मजबूर

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लोक सुराज अभियान में यूं तो कई समस्याओं के निराकरण का दावा किया जाता है पर जमीनी हकीकतें कइयों के लिए मुसीबत का कारण बन जाती है और सरकारी कार्यालयों के चक्कर उनका पीछा नहीं छोड़ते।
कुछ ऐसा ही मामला है अंबिकापुर के कन्हैयालाल अग्रवाल का। जिन्होंने पिछले वर्ष अपनी माताजी के नाम से भूखंड के सरकारी
अभिलेखों में दर्ज त्रुटिपूर्ण भू-भाटक को सुधारने आवेदन प्रस्तुत किया था। उनका आवेदन क्रमांक 317021013400033 है। श्री अग्रवाल का कहना है कि उपरोक्त आवेदन के परिपालन में राजस्व निरीक्षक नजूल द्वारा पेश किया गया। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि दर्ज भू-भाटक त्रुटिपूर्ण है। इसके साथ ही सरकारी वेबसाइट में उक्त आवेदन का निराकरण दिखाया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि यह है कि उक्त आवेदन आज भी नजूल अधिकारी के पास ही अटका पड़ा है। श्री अग्रवाल ने बताया कि इस मामले को लेकर जब अधिकारियों से संपर्क किया जाता है, वे हमेशा टालमटोल का रवैया अपनाते हैं। आज आना, कल आना कहकर बात टाल जाते हैं। श्री अग्रवाल ने सरकारी अधिकारियों से फिर अपनी समस्या निराकरण करने की मांग की है।

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