महासमुंद। पूर्वी तट रेलवे जोन के अंतर्गत संबलपुर डिविजन में आने वाले स्टेशनों में सुरक्षा मानक और दोहरीकरण को लेकर 18 टे्रनें प्रभावित हैं। 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। वहीं चार ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाने का निर्णय लिया गया है। ये ट्रेनें एक मई तक प्रभावित रहेंगी।
जानकारी के मुताबिक 8 फरवरी से टे्रनों का परिचालन प्रभावित है। इस कारण टे्रन में सफर करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। कई ट्रेनें विलंब से भी चल रही हैं। स्टेशन प्रबंधक उद्धव राम ने बताया कि ट्रेनों में विशाखापट्टनम-दुर्ग और दुर्ग-विशाखापट्टनम व संबलपुर से कोरापुट, कोरापुट से संबलपुर, रायपुर से टिटलागढ़ व टिटलागढ़ से रायपुर भी रद्द रहेंगी।
ट्रेनों के परिचालन प्रभावित होने से और 15 दिन यात्रियों को परेशानी की सामना करना पड़ सकता है। ज्ञात हो कि अभी रेल दोहरीकरण और विद्युतीकरण का काम चल रहा है। वहीं मार्च महीने में पूर्वी तट रेलवे के अंतर्गत लखौली से खरियार रोड तक इलेक्ट्रिक लाइन का ट्रायल हुआ था।
निरीक्षण पूरा होने के बाद शाम को लगभग 100 किमी की रफ्तार से इलेक्ट्रिक लाइन पर खरियार रोड से लखौली तक सूरत-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस टे्रन चली। जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रिक लाइन निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी।
इससे डीजल की खपत भी कम होगी और प्रदूषण भी नहीं होगा। निरीक्षण के बाद खरियार रोड से लखौली तक 100 किमी की रफ्तार से स्पेशन ट्रेन भी चलाई गई, जो सफल रहा है। डाउन लाइन पूरा होने के बाद अप लाइन पर भी इलेक्ट्रिक लाइन का कार्य किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक लाइन का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। तुमगांव रोड पर ओवरब्रिज निर्माण कार्य पूरा होने के बाद शहर की आधी आबादी को बड़ी राहत मिल सकती है। फिलहाल, रेलवे क्रासिंग से एकता चौक तक ओवरब्रिज का निर्माण कार्य 36 फीसदी पूरा कर लिया गया है।
क्रासिंग से अंबेडकर चौक तक अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है। ज्ञात हो कि तुमगांव रोड रेलवे फाटक पर हर आधे घंटे में टे्रनें गुजरती हैं। फाटक बंद होने की वजह से गाडिय़ों की लंबी लाइन लग जाती है। वाहन चालकों को जाम में फंसना पड़ता है। यहां लोग जान जोखिम में डाल कर क्रासिंग पार करते देखे जाते हैं।
फाटक पार करने की हड़बड़ी में रहते हैं। फाटक बंद होने से गर्मी और बारिश के दिनों में 10 मिनट रुकना भी भारी पड़ता है। सुबह-सुबह फाटक की समस्या से वाहन चालक ज्यादा परेशान रहते हैं। यह समस्या तभी खत्म होगी, जब ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन रेलवे क्रासिंग की समस्या का निदान शीघ्र होता नहीं दिख रहा है। सुस्त गति से कार्य हो रहा है और लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
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