रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 11 सीटों में से सिर्फ 1 बस्तर लोकसभा सीट के लिए गुरूवार को मतदान शांति पूर्ण रूप से संपन्न हुआ। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद बस्तर के मतदाता बढ़-चढ़कर चुनाव में शामिल हुए और अपने मतदाधिकार का उपयोग किया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने बताया कि शाम 5 बजे तक औसतन मतदान का प्रतिशत 57 रहा। लेकिन कई मतदान दल नहीं लौटे हैं, ऐसे में यह आंकड़ा बदल सकता है। इसके बावजूद करीब पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार इस संसदीय क्षेत्र में शामिल सभी विधानसभा सीटों में मतदान कम हुआ है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कल देर शाम को निर्वाचन कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस लेते हुए प्रथम चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान की जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए क्षेत्र में कुल 7 अभ्यर्थी शामिल हुए।
धुर नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्र बीजापुर पिछले आम चुनाव की तुलना में इस बार नौ फीसद मतदान अधिक हुआ है। वहीं, भाजपा के दिवंगत विधायक भीमा मंडावी के विधानसभा क्षेत्र दंतेवाड़ा में इस बार तीन फीसद कम मतदान हुआ है। पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में दंतेवाड़ा में 60 फीसद से अधिक मतदान हुआ था, इस बार आंकड़ा 50 तक भी नहीं पहुंच पाया।
मतदान के अंनतिम आंकड़ों के अनुसार इस बार जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में 67.28 फीसद मतदान हुआ है, लेकिन अभी इस आंकड़े के और बढऩे का अनुमान है। ऐसे में आम चुनाव में जगदलपुर सीट पर इस बार अब तक का सर्वाधिक मतदान साबित हो है। पिछले आम चुनाव में वहां 67.57 फीसद मतदान हुआ था। विधानसभा चुनाव में 78 फीसद तक मतदान हुआ था।
विधानसभा चुनाव के दौरान नारायणपुर में 74 और पिछले आम चुनाव में 63 फीसद मतदान हुआ था। इस बार यहां मतदान का आंकड़ा बमुश्किल 40 फीसद तक पहुंच पाया है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शामिल आठ में से छह विधानसभा सीटों में इस बार मतदान कम हुआ है।
सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शामिल बीजापुर के वोटर पिछले कुछ चुनावों से दम दिखा रहे हैं। इस बार यहां करीब 42 फीसद मतदान हुआ है, जबकि पिछले आम चुनाव में केवल 33 फीसद ही मतदान हुआ था। वहीं नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 47 फीसद वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था।
राज्य बनने के बाद से अब तक हुए चार विधानसभा और मौजूदा आम चुनाव को शामिल करते हुए चार लोकसभा चुनावों की तुलना में हर बार विधानसभा की तुलना में लोकसभा चुनाव में मतदान कम ही होता है।
बस्तर में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान का हाल
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नोट- आंकड़े फीसद में
(*2008 के परिसीमन के बाद भानपुरी और केशलूर विधानसभा सीट समाप्त कर दिया गया। उसके स्थान पर कांकेर संसदीय सीट के नारायणपुर को इस सीट में शामिल किया गया। वहीं, बस्तर नया विधानसभा क्षेत्र जोड़ा गया।)
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