
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को हरी झंडी दे दी है। कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि फिल्म की वजह से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है या नहीं ये देखना चुनाव आयोग का काम है। याचिकाकर्ता की तरफ से अरोप लगाया गया था कि चुनाव से पहले फिल्म को रिलीज करने से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव पर असर पड़ सकता है। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी फिल्म को सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्र नहीं मिला है।
इससे पहले सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता अमन पंवार से कहा था कि पहले वह स्पष्ट करें कि फिल्म मे क्या दिखाया गया है और उन्हें किस बात पर आपत्ति है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से सवाल किया की आप फिल्म देखे बिना कैसे निर्धारित कर सकते हैं कि ये आचार संहिता का उल्लंघन करता है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म को निर्माता संदीप सिंह 12 अप्रैल को रिलीज करना चाहते थे, लेकिन बाद में रिलीज की तारीख को बदलकर 5 अप्रैल कर दिया गया। लोकसभा चुनाव के पहले फिल्म रिलीज करने को लेकर कई लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 5 अप्रैल को रिलीज होने वाली यह फिल्म अब 11 अप्रैल को रिलीज होने की बात कही जा रही है। हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता ने देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ता की तरफ से अरोप लगाया गया है कि चुनाव से पहले फिल्म को रिलीज करने से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव पर असर पड़ सकता है।