छत्तीसगढ़सियासत

भूपेश सरकार का नक्सलवाद के प्रति कैसा रुख स्पष्ट करें…सरकार आते ही प्रदेश कि फिजा धीर-धीरे हो रही है प्रदूषित…प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर वित्तीय व्यवस्था चरमराई-शिवरतन शर्मा

रायपुर। कल नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को भारतीय जनता पार्टी हृदय से नमन करते हुए उनके परिवार जनों के साथ गहरी संवेदना व्यक्त करती है। प्रदेश में अनेकों नक्सली वारदातों के बाद भी प्रदेश की भूपेश सरकार ने नक्सलियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।

फिर भी नक्सलियों द्वारा जवानों पर इस तरह का कायराना हमला न केवल निंदनीय है बल्कि भूपेश सरकार का नक्सलवाद के प्रति कैसा रुख है यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।



भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ चुनाव आयोग से दर्जनों शिकायत की है और वह भी पूरे साक्ष्यों, प्रपत्रों के साथ की है। परन्तु आयोग हमारे सारे शिकायतों को मानो रद्दी की टोकरी में डालती जा रही है।

किसी भी शिकायत पर आयोग गंभीरता पूर्वक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उक्त आरोप पत्रकारों से चर्चा के दौरान बीजेपी के प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने लगाई हैं।

उन्होंन कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर कोरबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की शिकायत की थी परन्तु अभी तक आयोग इस पर कोई कार्यवाही नहीं किया है।





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यह चिंता का विषय है। 11 अप्रैल को चुनाव तिथि घोषित करके आयोग द्वारा 18 अप्रैल का मतदाता पर्ची बीएलओ द्वारा वितरित करवाया जा रहा है। यह कितना गंभीर मामला है इसकी भी शिकायत आयोग से की है।

आयोग का नैतिक दायित्व बनता है कि वे शिकायतों पर संज्ञान लेकर गंभीर कार्यवाही सुनिश्चित करे। वहीं उन्होंने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार आते ही प्रदेश कि फिजा धीर-धीरे प्रदूषित होती जा रही है।

प्रदेश में पहली बार वित्तीय अराजकता जैसी स्थिति देखने में आ रही है। शासकीय कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। यहां तक कि जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ता भी पिछले 3 महिनों से नही दिया गया है।



प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही बिल्डिंग मटेरियल के कीमतों में भारी वृध्दि की गयी है। सीमेंट के कीमतों में 30 से लेकर 50 रुपये तक की वृध्दि की गयी है जबकि कच्चे माल की कीमतों में कोई परिवर्तन नही हुआ है। रेत के दाम भी दुगुने हो गये है।

कोयले के परिवहन से लेकर उत्पादन में भी भारी मात्रा में कमीशनखोरी और कालाबाजारी शुरू हो गई है। प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है।

प्रदेश में तबादला उद्योग चल रहा है किसी भी अधिकारी को एक स्थान पर 15 दिन भी नहीं टिकने दिया जा रहा है। कई सूत्रों से जानकारियां आ रही है कि सुटकेश लाओ और मनपंसद पद पाओ की नीति पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अधिकारी कर्मचारी भूपेश सरकार के प्रशासनिक फेरबदल से तंग आ गए है।

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