रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण का नियम खत्म कर दिया है। इसके बाद राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर विभागों में पदोन्नति पर रोक लगा दी है। इस आदेश के जारी होते ही प्रदेश के निगम मंडलों, आयोग, प्राधिकरण और स्वशासी निकायों में पदोन्नति पर तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अब नया पदोन्नति नियम बनने तक किसी भी सरकारी कर्मचारी-अधिकारी को पदोन्नति नहीं मिलेगी।
ज्ञात हो कि प्रदेश के लगभग 150 कर्मचारियों ने पदोन्नति नियम को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने पिछले दिनों अपने फैसले में लोक सेवा पदोन्नति नियम 2003 की धारा-5 को रद्द कर दिया। इस धारा में एससी-एसटी वर्ग के लिए अलग पदोन्नति सूची का प्रावधान किया गया था।
इस पर अलग-अलग विभाग के 150 कर्मचारियों ने 27 याचिकाओं में कोर्ट में चनौती दी थी। कर्मचारियों का कहना है कि पदोन्नति नियम के प्रावधानों का ठीक से पालन नहीं किया गया था। जिस वजह से कर्मचारियों की वरिष्ठता प्रभावित हो रही थी। कार्मचारियों का कहना है कि आरक्षित वर्गों के पदोन्नति 50 प्रतिशत तक करते तो ठीक था। लेकिन सामान्य सीटों पर भी उनको भरा गया। बताया गया कि पिछले 10 सालों में केवल मंत्रालय में ही उप सचिव पद पर 7 पदों के विरुद्ध 12 पदों पर एससी-एसटी को पदोन्नति मिल गई। एक पद के विरुद्ध 3-3 सांख्येतर पदोन्नतियों का भी उदाहरण हैं।
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