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छत्तीसगढ़ : सदन में उठा नि:शुल्क मोबाइल वितरण का मामला…मुख्यमंत्री ने कहा- कराएंगे जांच…बचे मोबाइल वितरित नहीं होंगे…कंपनी से बातचीत कर निकाला जाएगा हल…

रायपुर। विधानसभा में आज तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा स्काई योजना के तहत मोबाईल की खरीदी कर प्रदेश के लोगों को नि:शुल्क वितरित किए जाने का मुद्दा उठा। सत्ता पक्ष द्वारा उठाए इस मुद्दे पर सत्ता के साथ विपक्ष के कुछ सदस्यों ने भी इस योजना को प्रदेश सरकार के लिए हानिकारक बताते हुए कमिशनखोरी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी स्काई योजना को गलत बताया और सदस्यों की भावनाओं को देखते हुए इस पूरी योजना की जांच कराने की घोषणा सदन में की।

कांग्रेस सदस्य डॉ. लक्ष्मी धु्रुव ने प्रश्रकाल में मुख्यमंत्री स्काई योजना के तहत मोबाईल क्रय एवं वितरित करने का मामला उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि इस योजना के तहत कितने बजट का प्रावधान था तथा कितनी संख्या में मोबाईल की खरीदी की गई और कितने मोबाईल बांटे गए एवं कितने मोबाईल बांटे जाने शेष है।

इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि 31 अगस्त 2017 को इस योजना का अधिसूचित किया गया, जिसके अंतर्गत 36 लाख 65 हजार 65 मोबाईल क्रय किया गया। मोबाईल दो कैटेगरी में अलग-अलग निविदा में प्राप्त दर पर क्रय किया गया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि क्रय किये गये मोबाईल में 29 लाख 14 हजार 518 मोबाईल लोगों को नि:शुल्क वितरित किया गया, जबकि 9 लाख 20 हजार 518 मोबाईल वितरित नहीं किये जा सके है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक मोबाइल में नि:शुल्क एक जीबी डेटा प्रतिमाह 6 माह के लिए एवं 100 मिनट टॉक टाईम नि:शुल्क 6 माह के लिए दिया गया था। कांग्रेस सदस्या डा. लक्ष्मी धु्रव ने इस पर कहा कि स्काई योजना के तहत जो मोबाईल बांटे गए थे वे गुणवत्ताविहीन थे। मोबाइल के कहीं खराब होने की शिकायते आ रही थी तो कहीं फटने तक की शिकायतें आई है।



कई लोग तो मोबाइल फटने से घायल तक हुए है। यहीं नहीं कई गांव में जहां नेटवर्क भी नहीं वहां भी मोबाईल बांटे गए है। नेटवर्क नहीं होने के कारण मोबाईल का वहां उपयोग ही नहीं हो पाया है। कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि इस योजना के पीछे सरकार का मकसद सिर्फ एक कंपनी को फायदा पहुंचाना का था।

उन्होंने इस मुद्दे पर जांच की मांग की। कांग्रेस सदस्य मोहन मरकाम ने इस मामले में कहा कि इस योजना के तहत तत्कालीन सरकार ने धन का दूरप्रयोग किया है, जहां टॉवर नहीं है वहां भी मोबाइल बांट दिए गए है। उन्होंने मोबाईल की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने इस योजना के तहत हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस सदस्यों के प्रश्रों के जवाब में कहा कि इस योजना की पूरी जांच वे सीएजी से कराएंगे। जोगी दल से विपक्षी सदस्य धर्मजीत सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा कि इस योजना के तहत जो मोबाईल व सीम बांटे गए है क्या उसका मालिक मुकेश अंबानी है। उन्होंने यह भी पूछा कि अभी तक जो मोबाईल नहीं वितरित किए गए है क्या वे सुरक्षित और क्या सरकार शेष बचे मोबाईल को वापस करने की दिशा में कोई कदम उठाएगी। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मोबाईल शेष बचे हैं वे पूरी तरह से सुरक्षित है और उन्हें कंपनी को वापस करने के लिए कंपनी से बातचीत करने के लिए उनसे बातचीत करेंगे।

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