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छत्तीसगढ़ की इस छात्रा ने बनाया इको फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन…निर्माण की कला बताने अब जाएगी जापान…

कोरबा। केले के छिलके का इस्तेमाल कर सेनेटरी पेड बनाने वाली होनहार छात्रा रीना अब जापान में अपने नवाचार इनोवेशन का प्रदर्शन करेगी। छत्तीसगढ़ के कोरबा के एक सरकारी स्कूल की छात्रा रीना का चयन सकूरा एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है।

वह जापान में एक जापानी परिवार के साथ पांच दिन रहेगी। वहां वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और शिक्षाविदों से अपने विचार साझा करेगी। वहां के शोध.अनुसंधान और शिक्षा प्रणाली के बारे में जानेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार उसके मॉडल की प्रस्तुति उसके करियर की ऊंची उड़ान में मददगार साबित होगी।

इन्सपायर अवार्ड मानक योजना के तहत 11वीं की छात्रा रीना राजपूत ने 14-15 फरवरी 2019 को आईआईटी दिल्ली में आयोजित 7वीं राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में शामिल हुई। इस योजना का उद्देश्य विज्ञान एवं तकनीक का प्रयोग कर सामाजिक विकास के क्षेत्र में समस्याओं का समाधान करने वाले नवाचारी प्रोजेक्ट तैयार करने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है।



इसके लिए आयु सीमा 10 से 15 वर्ष निर्धारित की गई है। रीना ने अपनी प्राचार्य हाई स्कूल स्याहीमुडी डॉ. श्रीमती फरहाना अली के मार्गदर्शन में अपना प्रोजेक्ट इको फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन बनाया, जिसे जिला, जोन, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अत्यंत सराहना मिली। इसी प्रोजेक्ट का प्रदर्शन करने रीना अब जापान जा रही है।

डॉ. अली ने बताया कि व्यावसायिक सेनेटरी नैपकिन्स के निर्माण में हानिकारक रसायन का इस्तेमाल होता है जो त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए उत्तरदायी है। इन नैपकिन्स में प्लास्टिक का भी उपयोग होता है जो कि पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इन्ही समस्याओं के समाधान के लिए केले के तने से निर्मित इको फ्रेंडली नैपकिन्स बनाए गए जो जैविक होने के कारण सस्ते हैं एवं पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते।

रीना की इस सफलता पर जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पाण्डेय, स्कूल की पूर्व प्राचार्य नयनतारा शर्मा ने जिले के लिए उपलब्धि बताया है। इसके पहले जमनीपाली के छात्र सूरज केंवट भी पांच दिवसीय जापान यात्रा कर चुके हैं।

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