गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 43 जवान शहीद हो गए और 20 से अधिक घायल हो गए। इस आतंकी हमले के बाद दुनियाभर के देशों ने इसकी निंदा की। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस हमले की आलोचना करे हुए कहा कि हम मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं, हम कामना करते हैं को घायल जल्द से जल्द स्वस्थ्य हों।
US Department of State: US condemns in the strongest terms the terrorist attack today on an Indian CRPF convoy in the Indian state of Jammu & Kashmir. We extend our deepest condolences to the victims & their families, & wish a speedy recovery to those injured.#PulwamaAttack (1/3) pic.twitter.com/tzeCbZzEsE
— ANI (@ANI) February 14, 2019
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अमेरिका आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। यूएन द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है जोकि बेहद ही घिनौना कृत्य है। हम तमाम देशों से कहना चाहते हैं कि वह यूएन सेक्युरिटी काउंसिल के रिजोल्यूशन को स्वीकार करें और अपने देश में आतंकवाद को पनाह देना बंद करें।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने भी इस हमले की निंदा की। उन्होंने कहा हम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए हमले की कड़ी निंदा करते हैं और अपनी जान गंवाने वालों और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। जैश-ए-मुहम्मद को प्रतिबंधित सूची में डालने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत की अपील के बारे में पूछे जाने पर, डुजारिक ने कहा कि आतंकी संगठनों की सूची जारी करना सुरक्षा परिषद के हाथों में है।
अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों के अलावा फ्रांस, इजरायल भी भारत के साथ खड़े हैं। इसके अलावा नेपाल, श्रीलंका और भूटान जैसे पड़ोसी देश भी भारत के साथ हैं।
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