रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (एनएसयूआई) प्रदेश कृषि संयोजक शुभम राव एवं अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने व्याख्याता एवं शिक्षाकर्मियों की भर्ती में कृषि के छात्रों के लिए बीएड की योग्यता को हटाने की मांग करते हुए कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से सौजन्य मुलाकात करते हुए ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान कृषि के कई छात्र शामिल थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में शिक्षण कार्यों के लिए अध्यापकों को बीएड की डिग्री अनिवार्य है। यह पात्रता सभी विषयों के लिए लागू ना हो। दुर्भाग्यवश कृषि स्नातक एवं स्नातकोत्कर अभ्यर्थियों के पास बीएड की डिग्री ना होने की वजह से कृषि संकाय के विषयों को वनस्पति विज्ञान एवं अन्य विषयों के अध्यपाकों द्वारा पढ़ाया जाता है।
जैसे कृषि स्नातक एवं स्नात्कोत्तर डिग्री में आते हैं तथा स्नातकोत्कर की डिग्री प्राप्त करने में हमें 6 वर्ष समय लगता है, जो कि अन्य गैर तकनीकी पाठ्यक्रम से 1 वर्ष अधिक है एवं इसके अंतर्गत हमें 1 वर्ष का अनुसंधान कार्य भी अनिवार्य रूप से करना पड़ता है। इस वजह से उच्चतर माध्यमिक प्राध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बीएड की अनिवार्यता पर छूट प्रदान किया जाए।
Add Comment