
प्रदेश की सीमा से सटे महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ यही छत्तीसगढ़ में भी ट्रेंड बदलने लगा है। भास्कर की पड़ताल में यह बात सामने आई कि यहां मई में पूरे माह में 179 मरीज मिले थे, रोजाना 6 के औसत से। लेकिन जून के शुरुआती 7 दिन में ही नौ से ज्यादा के औसत से 65 मरीज मिल गए हैं।
केस बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य विभाग ने अपने पूरे अमले ही नहीं, बल्कि लोगों को भी अगले 15 दिन के लिए अलर्ट कर दिया है। हालांकि खतरा अभी ज्यादा नहीं है, क्योंकि प्रदेश में कोविड संक्रमण की दर फिलहाल 1 फीसदी से कम है। छत्तीसगढ़ में कोरोना का ट्रेंड अब तक महाराष्ट्र में होने वाले संक्रमण पर आधारित रहा है।
जब महाराष्ट्र में कोरोना के केस बढ़े हैं, दो हफ्ते के भीतर यहां भी केस बढ़ने लगते हैं, क्योंकि नागपुर और विदर्भ तथा छत्तीसगढ़ में लोगों का काफी आना-जाना है। महाराष्ट्र में केस बढ़ रहे हैं, इसलिए यहां भी केस बढ़ रहे हैं। रोजाना कोरोना मामलों का औसत चूंकि 9 से अधिक हो गया है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने 1 जून के बाद से जितने भी मरीज मिले हैं, उनकी पड़ताल शुरू कर दी है।
यह पता लगाया जा रहा है कि कहां से संक्रमित हुए? शुरुआती लक्षण किस तरह थे और अभी क्या स्थिति है? अफसरों ने बताया कि अभी प्रदेश के एक्टिव मरीज हल्के लक्षण वाले हैं, किसी को भी अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं है। फिर भी, स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को दो हफ्ते पूरी तरह सावधान रहने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. ओपी सुंदरानी ने कहा कि संक्रमण को लेकर आने वाले एक-दो सप्ताह महत्वपूर्ण होंगे। हालांकि केस बढ़ रहे हैं पर संख्या ज्यादा नहीं है। मरीज भी गंभीर नहीं हैं।
1 माह में सिर्फ 6 लाख टीके
पिछले एक माह में केवल छह लाख को ही टीके लगाए गए हैं। इसमें फर्स्ट डोज, सेकेंड डोज, प्री-कॉशन डोज और बच्चों के टीके भी शामिल हैं। जबकि दूसरी और तीसरी लहर के दौरान 5 से 6 लाख तक टीके एक-एक दिन में लगे थे।