भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गुरुवार को दुनिया के सबसे छोटे सैटेलाइट कलामसैट को लॉन्च करेगा। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) C-44 के तहत कलामसैट और माइक्रो सैट-आर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। कलामसैट को छात्रों ने विकसित किया है। इसके अलावा, माइक्रोसैट-आर की खासियत है कि यह पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है।
ISRO की ओर से जारी मिशन अपडेट के अनुसार, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम सात बजकर सैंतीस मिनट पर (PSLV) C-44 के लॉन्चिंग की उलटी गिनती शुरू हो गई है। यह इसरो के पीएसएलवी व्हीकल की 46वीं उड़ान है।
🇮🇳 #ISROMissions 🇮🇳#PSLVC44 sits pretty on the launchpad at the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota under the watchful eyes of the #Moon, ahead of its midnight launch tomorrow (Jan 24), carrying #Kalamsat and #MicrosatR.
Updates will continue. pic.twitter.com/DA1fatQA5U
— ISRO (@isro) January 23, 2019
पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया है सैटेलाइट का नाम
कलामसैट सैटेलाइट को भारतीय छात्रों के एक समूह ने तैयार किया है। इसका नामकरण देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है। कलामसैट दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट है।
स्पेस की दुनिया में नए कारनामे करने के लिए मशहूर इसरो ने हर सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन में PS-4 प्लेटफॉर्म को छात्रों के बनाए सैटेलाइट के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है। कलामसैट इतना छोटा है कि इसे ‘फेम्टो’ की श्रेणी में रखा गया है।
कलामसैट सैटेलाइट को छात्रों और Space Kidz India ने मिल कर बनाया है। खबर के मुताबिक, इसरो के चेयरमैन के सिवन ने बताया कि हम 700 किलोग्राम के माइक्रोसैट-आर और कलामसैट को पीएसएलवी के जरिए लॉन्च करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वजन को कम करने के लिए फोर्थ स्टेज में पहली बार एल्युमिनियम टैंक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कलामसैट की खासियत
-यह एक कम्युनिकेशन सैटेलाइट है.
-यह नैनोसैटेलाइट 10 सीएम क्यूब के साथ 1.2 किलोग्राम वजनी है.
-इसको बनाने में कुल 12 लाख रुपए का खर्च आया है.
-इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है.
-इस सैटेलाइट को हाई स्कूल के छात्रों ने तैयार किया है. इस टीम को रिफत शरूक लीड कर रहे थे. शरूक की उम्र 18 साल है और वे तमिलनाडु के पालापत्ती के रहने वाले हैं.
-यह दुनिया का सबसे हल्का और पहला 3डी प्रिटेंड सैटेलाइट है.
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