रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत चुनाव में पूरे देश में घूम-घूमकर किसानों को लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत लाभ देने का वादा किया था जो आज तक उनके द्वारा एवं न ही किसी भाजपा शासित राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है।
यही बात स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों में हैं। छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा 2500 रूपये धान का मूल्य देने की पहल की गई है। यही स्वामीनाथन कमेटी चाहती है।
उक्त बाते कांग्रेस के प्रमुख संचार विभाग शैलेश नितिन त्रिवेदी और महामंत्री गिरीश देवांगन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि एवं लागत मूल्य आयोग की रिपोर्ट में धान की लागत 1484 रूपये प्रति क्विंटल दर्शाया गया उसके बाद डीजल के दाम 14-15 रूपयों की एवं खाद की कीमतें 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इन सबको देखते हुए किए गए वादों अनुरूप मोदी को 2500 रूपये एमएसपी की घोषणा करनी थी जो नहीं की गई। मात्र 1750 रूपये की गई। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य 2500 रूपये में किसानों द्वारा उत्पादित धान की खरीदी प्रारंभ कर दी है। इस कारण इस वर्ष लगभग 88 लाख टन धान का उपार्जन करने का लक्ष्य है।
नेता द्वय ने कहा कि हम केंद्र शासन से मांग करते हैं कि एमएसपी 2500 रूपये किया जाए एवं अतिरिक्त राशि को केंद्र सरकार वहन करें एवं प्रदेश की आवश्यकतानुसार पीडीएस हेतु चावल को छोड़कर शेष मात्रा के धान/चावल को केंद्रीय पूल में लिया जाए। किसानों पर कोई एहसान नहीं किसानों का हक दे रही है।
छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य जो किसानों को लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत लाभ दे रहा है। बात किसानों की किसान हित की सब करते हैं लेकिन जब एक राज्य सरकार ने किसान हित में काम करना शुरू किया तो जरूरत उस सरकार को मदद करने की और दलगत स्वार्थ से ऊपर उठकर किसान हित में सबसे खड़े होने की है।
आपने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की बात अपने घोषणा पत्र में कही। देश का एक राज्य इसे लागू कर रहा है तो उसके साथ खड़े होने के बजाय आपकी केंद्र सरकार चावल लेने से इनकार करते है और भाजपा की राज्य की इकाई इस पर तालियां बजाती है, इस पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करती है। इस महाअभियान में छत्तीसगढ़ के किसानों को कर्जमुक्त करने के बाद उनके फसल की लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत लाभ देने के अभियान में सबको साथ होना चाहिए सबका साथ होना चाहिए।
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