डिलीवरी के दौरान हुए ऑपरेशन में महिला के साथ डॉक्टरों की हैरान कर देने की घटना सामने आई है। मामला बिहार के सुपौल जिले का है। मामले का खुलासे तब हुआ जब 4 नवंबर को सुपौल जिले के सदर थाना क्षेत्र निवासी मनोज अपनी पत्नी आशा को दिखाने दूसरे डॉक्टर के पास पहुंचा और अल्ट्रासाउंड कराया।
बता दें कि यहां सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली आशा नाम की महिला ने 20 जुलाई 2017 को एक बच्ची को जन्म दिया था। मैरी गोल्ड रौनक राज अस्पताल में महिला की ऑपरेशन के जरिए डिलीवरी कराई गई थी, लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को करीब 3 घंटे तक ऑपरेशन थिएटर में ही रखा था। बच्ची को जन्म देने के कुछ दिन बाद से ही आशा की तबियत खराब रहने लगी, जिसके बाद आशा के पति मनोज ने कई डॉक्टरों के चक्कर काटे, लेकिन कहीं भी आशा को आराम नहीं मिल पा रहा था।
परेशान होकर जब मनोज अपनी पत्नी आशा को एक डॉक्टर के पास ले गया, जहां डॉक्टर ने आशा को कुछ दवाइयां लिखकर दीं और मनोज से कहा कि दवाइयों से कोई फायदा नहीं होता तो उन्हें अल्ट्रासाउंड कराना होगा। मनोज ने आशा का अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट जानने के बाद उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया कि आशा के शरीर से तो दाईं किडनी ही गायब है। यह सुनकर मनोज के हाथ-पांव फूल गए। मनोज ने बताया कि डिलीवरी से पहले आशा की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में दोनों किडनियां मौजदू थीं। जबकि प्रसव के लिए लगभग साढ़े तीन घंटे तक ऑपरेशन चला था। मुझे शक है कि पत्नी की किडनी उसी दौरान निकाल ली गईं हैं।
मनोज के सामने बीवी की बॉडी से गायब हुई किडनी का सारा कच्चा-चि_ा खुल चुका था, जिसके बाद मनोज ने पूरे मामले की शिकायत डीएम, एसपी और सीएस से कर मदद की मांग की है। इस मामले में मैरी गोल्ड रौनक राज अस्पताल के संचालक डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि आरोप पूरी तरह से झूठा है।
मामले की गंभीरता को लेकर एसपी मृत्यंजय कुमारी चौधरी का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Add Comment