कोंडागांव। कहा जाता है कोंडागांव के विकास खण्ड फरसगांव अंतर्गत आने वाला भोंगापाल धरती में मौजूद उन स्थानों में से एक है जो सबसे पूराने है। इस बात का दावा करते हुए कोंडागांव कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने कहा कि, भोंगापाल में कभी प्रलय भी नहीं आया। इसके अलावा भोंगापाल का पौराणिक इतिहास भी है, इसी रास्ते से होकर उत्तर से दक्षिण जाया जाता था। सम्रट अशोक का कलिंग से मगध राज्य तक आना जाना हुआ करता था, जिसके जीवंत साक्ष्य आज भी भोंगापाल के विराट बौद्धप्रतिमा व उसके आसपास स्थित शिव जी के लिंगों से होती है।
ऐसे महत्वपूर्ण व पौराणिक स्थान को कालंतर में मुगल राज, अंग्रेज शासन में भुला दिया गया था। इसी कारण भोंगापाल जैसे ऐतिहासिक स्थान पर राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई का जिला स्तरीय मेगा शिविर खेल महोत्सव का शुभारंभ 3 जनवरी से 9 जनवरी तक एक सप्ताह के लिए किया गया है। इस शिविर में कोण्डागांव जिला के 3 महाविद्यालय और 21 विद्यालय के एक हजार दस बच्चें भाग ले रहे है। भोंगापाल विगत कुछ साल पहले तक नक्सल दहसत के लिए अपनी पहचान बनाए हुए था। लेकिन अब जिला प्रशासन की विशेष कावायतों के चलते यहां हो रहीं तेज कार्ययोजनाओं के कारण इसकी अपनी पहचान बन चुकी है। इसी कड़ी में भोंगापाल व आसपास के 10 गांव के लोगों से जिला भर के बच्चों के साथ नया नवाचार स्थापित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने यहां राष्ट्रीय सेवा योजना का जिला स्तरीय मेगा शिविर सह खेल महोत्सव का आयोजन किया है। चले जाना चाहिए बलकि जागरूक नागरिक का परिचय देते हुए एम्बुलेंस को गांव प्रवेश से लेकर पीडि़त तक पहुंचना चाहिए, ताकि पीडि़त को जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सके। ऐसा ज्ञान एनएसएस के शिविर से ही मिलता है। आने वाले समय में आप ही को कलेक्टर, एसपी, पायलेट, प्राचार्य आदि बनना है, इसके लिए आप को अभी से तरीकी करनी है। एनएसएस शिविर में रहकर अनुसंशित रहने व मौका मिलेगा, जिसे अपने दिनचर्या में लाए।
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