रायपुर। नए साल में 168 शहरों और कस्बों की जनता को संपत्तिकर आधे से कम हो जाएगा। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में शहरी विकास योजना के तहत संपत्तिकर को कम से कम 50 फीसद घटाने का वादा किया था।
भाजपा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में संपत्तिकर 50 फीसद बढ़ा दिया था। राजधानी स्थित नगर पालिक निगम में ही कर बढ़ाने से आय में 26 करोड़ बढ़ोतरी हुई थी। इस संबंध में सरकार का कहना है कि आय के दूसरे स्त्रोत से नुकसान की भरपाई की जाएगी।
ऐसे निकालते हैं संपत्तिकर
संपत्तिकर निर्धारित करने के लिए सबसे पहले आधार वार्षिक मूल्य भाड़ा होता है। यह अलग-अलग इलाको के हिसाब से तय होता है। क्षेत्रवार 18 रुपये से 50 रुपये तक वार्षिक भाड़ा मूल्य निर्धारित किया गया है।
वार्षिक भाड़ा मूल्य को मकान के क्षेत्रफल से गुणा किया जाता है। फिर उसमें 10 फीसद राशि की छूट दी जाती है, जो रकम बचती है, उसके हिसाब से स्लैब में संपत्तिकर देखा जाता है। अगर मालिक उसमें खुद निवास कर रहा होता है तो 50 फीसद राशि कम कर दी जाती है और जो शेष राशि होती है वह संपत्तिकर होती है।
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