बहुत से लोग अपने ऑफिस को स्ट्रेसफुल जगह मानते हैं और शाम के वक्त घर लौटने का इंतजार करते नजर आते हैं। लेकिन इस फेमस बेलिफ के ठीक उलट अमेरिका के पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के नतीजे बताते हैं कि कई लोग खासतौर पर महिलाएं, अपने घर की तुलना में ऑफिस में कम तनाव महसूस करती हैं। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसे संभव है? तो यहां जानें, इस रिसर्च और स्टडी के नतीजों के बारे में….
कैसे हुए स्टडी
अनुसंधानकर्ताओं ने स्टडी में शामिल 122 प्रतिभागियों का पूरा सप्ताह कॉर्टिसोल यानी स्ट्रेस हॉर्मोन के लेवल की जांच की और साथ ही उन्हें दिन के अलग-अलग समय पर अपने मूड को रेट करने के लिए भी कहा। इस स्टडी के नतीजे बताते हैं कि अपने वर्कप्लेस पर घर की तुलना में लोग कम तनाव में दिखे।
महिला वर्सेस पुरुष
इस विषय पर जब गहराई से जांच की गई तो अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि महिलाएं घर की तुलना में ऑफिस में ज्यादा खुश रहती हैं तो वहीं, पुरुष ऑफिस से ज्यादा घर पर खुश रहते हैं। अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक बैकग्राउंड में भी यह परिणाम एक जैसे नजर आए।
क्या है इसका कारण
अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो जॉब सैटिस्फैक्शन इसकी सबसे बड़ी वजह है। ऐसा देखने में आता है कि महिलाओं को जो जॉब पसंद नहीं आता वे उसे आसानी से बदल कर ऐसी जॉब करने लगती हैं जिसमें उन्हें खुशी मिलती है। वहीं पुरुषों की बात करें तो पुरुष अगर जॉब से संतुष्ट न हों तब भी वे उसमें बने रहते हैं।
वर्किंग मॉम कम स्ट्रेस्ड
इस स्टडी में आगे बताया गया कि वर्किंग मदर यानी वैसी मांएं जो कामकाजी होती हैं उनमें उन महिलाओं की तुलना में तनाव कम होता है जिनके कोई बच्चे नहीं होते।
सबसे कम स्ट्रेस
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर दिन के किस वक्त लोग सबसे कम तनाव में रहे? इसका सही जवाब है वीकेंड। स्टडी में शामिल प्रतिभागियों ने वीकेंड के दौरान सबसे कम तनाव महसूस किया।
एक्सपर्ट्स की राय
इस स्टडी के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑफिस में महिलाएं सिर्फ अपने काम पर फोकस करती हैं और इसलिए वे वहां कम तनाव महसूस करती हैं लेकिन जब वे घर लौटती हैं तो यहां आकर उन्हें घर के कामों में सेकंड शिफ्ट शुरू करनी पड़ती है और मल्टी-टास्किंग होना पड़ता है जिस वजह से उनका स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है।
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