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छत्तीसगढ़ : कांग्रेस के संकट के समय ‘संकटमोचन’ बने थे भूपेश…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर पिछले चार दिनों से जारी खींचतान आखिरकार रविवार को समाप्त हुई। रविवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अंतत: सीएम पद की रेस में सबसे आगे रहे भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया गया।

भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का कमान सौंपे जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह कांग्रेस के संकट के समय उनका ‘संकटमोचन’ होना रहा है। भूपेश बघेल ने खुद छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं की नब्ज पकडक़र उसे चुनावी मुद्दा बनाया और इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल करवा बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया।

25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पहली पंक्ति के नेता झीरम घाटी नक्सली हमलों में मारे जा चुके थे, जिसमें विद्याचरण शुक्ला, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और महेंद्र कर्मा मुख्य तौर पर शामिल थे।

ऐसे में पार्टी में न सिर्फ नेतृत्व का संकट था बल्कि लगातार तीन चुनाव हार चुकी पार्टी हताश थी। ऐसे संकट के समय में भूपेश बघेल को अक्टूबर 2014 में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। तब से भूपेश अपने आक्रामक तेवर से लगातार भाजपा सरकार के खिलाफ हल्लाबोल करते रहे।

साथ ही बघेल को जो जिम्मेदारी मिली वो किसी चुनौती से कम न थी। उन्होंने न सिर्फ पार्टी में नई जान फूंकी, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का साहस भी किया।

इसके अलावा, भूपेश प्रदेश के कई मुद्दों को लेकर सडक़ पर उतरे, नसबंदी कांड, अंखफोड़वा कांड, भूमि अधिग्रहण को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने पदयात्राएं कीं और रमन सरकार को घेरा। विधानसभा चुनाव से पहले बघेल की प्रदेश के कई हिस्सों में पदयात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरा।

जैसे-जैसे भूपेश बघेल का हमला रमन सरकार पर बढ़ता गया, वैसे ही बघेल और उनके परिवार पर कई तरह के मुकदमें भी लदें। हाल ही में रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी के मामले में जब भूपेश बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया, तब उन्होंने जमानत लेने से इनकार कर दिया। लेकिन बाद में आलाकमान के कहने पर वे बेल पर रिहा हुए और चुनाव की कमान संभाली।

एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले बघेल राज्य में राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम कुर्मी जाति से आते हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन भी छत्तीसगढ़ की ओबीसी बेल्ट में खासा अच्छा रहा। मौजूदा सांसद और कांग्रेस के ओबीसी सेल के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू ने भी साहू समुदाय को कांग्रेस की तरफ लाने में अहम भूमिका निभाई।

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