रायपुर। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में हार की संभावनाओं से बौखलाकर प्रधानमंत्री नक्सलवाद से लडऩे के लिए अपनी असफल विफलता और कमजोर दृष्टिकोण को छिपाने की कोशिश करते हैं। नोटबंदी को घोषित करते समय किए गए दावे खोखले निकले। नोटबंदी के बाद 1030 नक्सली घटनाएं फरवरी 2018 तक और 114 जवानों की शहादत हो चुकी है।
उक्त बाते कांग्रेस के संचार प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बिना रीढ़ की हड्डी की मोदी सरकार को याद दिलाना चाहते हंै कि छत्तीसगढ़ में 11 जवानों को 27 अक्टूबर से पिछले 14 दिनों में नक्सल आतंक के हाथों खो दिया है, जिसमें 5 सीआईएसएफ जवानों की शहादत भी शामिल है। क्या मोदीजी को आज उन शहीद जवानों को उन्हें याद करने का समय मिला क्योंकि मोदीजी तो अपना ट्रेडमार्क बन चुकी स्तरहीन राजनीति में लगे हुए थे।
उन्होंने कहा कि मोदीजी अपने स्वयं के बयान ‘नक्सल’ को अपने ‘अपने लोगों’ कहने के बयान पर कायम हैं। डॉ.रमन सिंह ने नक्सलियों को माटी के बेटे कहकर बुलाया था जिन्हें अपने बच्चों की तरह स्वागत किया जाएगा, क्या उस बयान पर रमन सिंह कायम हैं।
क्या मोदी और रमन को कांग्रेस पर निराधार आरोप मढ़ते वक्त याद है कि कांग्रेस ने 25 मई 2013 को अपने 25 नेताओं को भाजपा सरकार की ही कथित सुरक्षा में माओवादी हमले में खो दिया था।
मोदीजी के खोखले दावों की असलियत यह है कि आपके कथित अपने लोगों नक्सलियों ने 8 नवंबर 2018 को दंतेवाड़ा में शहीद महेन्द कर्मा के बेटे छविन्द्र कर्मा पर हमला किया, ठीक आपके छत्तीसगढ़ दौरे के 24 घंटे पहले। माओवादी घटनाओं और माओवाद के विस्तार को रोकने के लिए 56 इंच के सीने वाली केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने अब तक क्या किया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को लगातार प्रभावित करने वाले नक्सलवाद से लडऩे के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को सिर्फ 53 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने पर आपकी माओवाद से लडऩे के बड़े-बड़े खोखले दावों के पीछे छिपी बेईमानी उजागर हो गई है। छत्तीसगढ़ में सरकार चलाने में भाजपा की दोनों सरकारों, केन्द्र और राज्य सरकारों की अक्षमता का यह जीता जागता सबूत है।
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