छत्तीसगढ़सियासतस्लाइडर

बसपा में भी टिकटों पर घमासान : इस प्रत्याशी का हो रहा जमकर विरोध, बसपा को जिंदा रखने वालों को नजरअंदाज करने का आरोप

बिलासपुर। जिले की एकमात्र बसपाई सीट मस्तुरी पर जयेन्द्र सिंह पाटले को पार्टी से टिकट मिला है। जिसका स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि घोषित उम्मीदवार कभी भी क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहा। वर्ष 2013 के बाद जिन लोगों ने मस्तुरी में बसपा को जिंदा रखा उन्हें नजर अंदाज किया गया है। बसपा के कार्यकर्ता मानते हैं कि पार्टी कैडर बेस है और यहां पर कार्यकर्ता बाबा साहब तथा बहन मायावती के सिद्धांत पर चलते हैं। कार्यकर्ता ऐसा मानते उन्हें ऐसा नेता मिलेगा जिसे वे कई वर्ष से जानते हंै। जबकि घोषित प्रत्याशी पाटले उनके अपने बीच का नहीं है। उन्होंने क्षेत्र में अचानक से अवतार लिया है। ऊपर से उतारा गया नेता कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा। बसपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 2013 के बाद ही एक पार्टी मीटिंग प्रदेश प्रभारी यह भरोसा दिलाया था कि आगामी चुनाव में बुधराम को टिकट दिया जाएगा। तभी से वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। बुधराम ने बाद में अपने स्थान पर अपनी बहू रश्मि सिन्हा को सक्रिय किया। पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में रश्मि सिन्हा ने अपनी भूमिका निभाई। पार्टी के नेताओं ने जब कभी भी जो भी निर्देश दिया उसका पालन किया। जब वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस मस्तूरी में अपना सदस्यता कार्यक्रम चला रही थी पार्टी के विश्वसनीय कार्यक्रताओं ने बसपा के आधार को बचा कर रखा। दोनों पार्टी के नेताओं के मध्य चुनावी समझौता होने के बाद बसपा के कार्यकर्ताओं को यह विश्वास बना कि मैदानी कार्यकर्ता को टिकट मिलने से विधानसभा में क्षेत्र की आवाज जरूर पहुंचेगी। जब से पाटले को टिकट की घोषणा हुई है कार्यकर्ताओं ने निराशा छा गई है। कार्यकर्ताओं ने एम एल भारती तथा पीएल वर्मा को अपनी भावनाओ से अवगत करा दिया है और उम्मीद है कि वरिष्ठ नेता पार्टी के कार्यकर्ताओं के भावनाओं को समझेंगे।

Back to top button
close