छत्तीसगढ़

BSP हादसा: हादसे की असली वजह की अभी तक पुष्टि नहीं

रायपुर। भिलाई स्टील प्लांट में कल हुए हादसे में 2 अधिकारियों समेत 11 लोगों की मौत हो गई। बुधवार को पीएम के लिए मृतकों के शव दुर्ग जिला चिकित्सालय रवाना किया गया। सुबह से परिजन अपनों का शव लेने के लिए बिलखते रहे।

वहीं कई परिजन असमंजस की स्थिति में दिखे। हादसे के कारण कई मृतकों का शव बुरी तरह से जल चुका है। ऐसे में उन्हें पहचाने में मुश्किल हो रही है। कल खराब गैस पाइस लाइन को सुधारा जा रहा था उसी दौरान गैस रिसाव होने से जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई थी।

वहां काम कर रहे कर्मचारी संभल पाते उससे पहले वह आग की चपेट में आ गए। हादसे में और लोगों के मारे जाने की जानकारी आ रही है लेकिन बीएसपी ने सिर्फ 11 लोगों के ही मारे जाने की पुष्टि की है। वहीं कई लोग घायल हैं जिनका उपचार सेक्टर-9 अस्पताल में चल रहा है। इनमें से कुछ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

इस हादसे की वजह को लेकर अलग-अलग जानकारी आ रही है लेकिन बीएसपी ने असली वजह की अभी तक पुष्टि नहीं की है। कर्मचारी अलग-अलग कारण बता रहे हैं। कर्मचारियों ने बीएसपी पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को एनजी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट कोक ओवन मे मेंटेनेंस का काम चल रहा था। जिस गैस पाइस लाइन में काम चल रहा था उसकी गैस सप्लाई करीब डेढ़ माह से बंद थी।

गैस लाइन चालू करने सोमवार से ही कर्मचारी जुटे हुए थे। कर्मचारियों को दो गु्रप में बांटा गया था। पहला ग्रुप काम कर वापस लौटे और दूसरा ग्रुप काम में लगने की तैयारी में थे उसी दौरान यह हादसा हो गया।

बीएसपी की लापरवाही
जानकार सूत्रों का कहना है कि कोक ओवन गैस जिस पाइस लाइन में थी उसको क्यों खोला गया। दूसरी टीम के पहुंचने से पहले ही पहली टीम वापस क्यों लौट आई। गैस रिसाव की जांच ठीक से नहीं किया गया। गैस पाइस में काम के दौरान हमेशा आग लगने की आशंका होती है।

इसकी जानकारी विभाग को होती है फिर लापरवाही क्यों बरती गई। काम के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था ठीक से नहीं किया गया था। जिसकी भरपाई कर्मचारियों को जानगवां कर चुकानी पड़ी। जिम्मेदार अधिकारियों के भी मौजूद नहीं होने की बातें सामने आ रही हैं।

सेल ने बानाई जांच कमेटी, सप्ताहभर में देगी रिपोर्ट
घटना की जांच के लिए सेल ने 4 सदस्यी कमेटी बनाई है। कमेटी 7 दिनों में रिपोर्ट चेयरमैन को सौंपेगी। कमेटी में बोकारो स्टील प्लांट के ईडी प्रोजेक्टर आरसी श्रीवास्तव, दुर्गापुर स्टील प्लांट के जीएम ईएमडी कोलकाता एसके दास और राउरकेला स्टील प्लांट के डीजीएम ईएमडी मैनेजमेंट पीके बैसाखिया को सदस्य बनाया गया है।

2014 में पंप हाउस में हुआ था हादसा
इससे पहले 12 जून 2014 में पंप हाउस में भी हादसा हुआ था। उस समय प्लांट परिसर में करीब डेढ़ सौ किमी पाइप लाइन बदले जाने का दावा किया गया था। कल हुए हादसे में भी पाइप लाइन से ही गैस रिसाव के कारण हुआ है।

7 बच निकले 13 फंसे
दो ग्रुप में मेंटेनेंस का काम चल रहा था। पहले ग्रुप में सात कर्मचारी थे जो अपना काम निपटा कर वापस हो गए थे। दूसरे ग्रुप के 13 कर्मचारी इसके बाद गए जो हादसे का शिकार हो गए।

इन अधिकारियों की थी जवाबदारी
प्लांट के मुख्या सीईओ एम रवि, ईडी वक्र्स पीके दाश, जीएम सेफ्टी जी पांडियाराज, जीएम कोक ओवल, विभागीय ग्रुप लीडर, ठेकेदार, ऑपरेटिंग आथॉरिटी।

आग बुझाने में हुई देरी
घायल कर्मचारियों का आरोप है आग बुझाने में देरी की गई। लगभग आधे घंटे तक आग फैलती रही। समय रहते आग पर काबू पा लिया जाता तो इतनी बड़ी क्षति नहीं होती।

प्लांट से अस्पताल तक अफरातफरी
घटना के बाद सीआईएसएफ के जवानों ने प्लांट से लेकर अस्तपाल तक के एरिया को सील कर दिया। इस वजह से कोई भी कर्मचारी घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रहा था। अस्पताल में भी सील कर दिया गया जिस वजह से वहा अफरा-तफरी मच गई। आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। मरीज के परिजनों को भी अस्पताल पहुंचने में काफी परेशानी हुई।

20 से 100 प्रतिशत झुलसे कर्मचारी
हादसे की चपेट में आए कमचारी 30 से 100 प्रतिशत तक झुलस गए थे। 100 प्रतिशत झुलसे कर्मचारियों को पहचान पाना मुश्किल हो रहा था। कइयों की तो अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। शव क्षतविक्षित हालत में आए गए हैं।

प्रमोशन होने वाली थी
मृतकों में दो विश्वकर्मा अवार्डी भी शामिल थे। इस्पात मंत्रालय ने कुशलता और कंपनी की बचत कराने पर इनकों विश्वकर्मा श्रम अवार्ड से नवाजा गया था। प्रमोशन पाने वाले थे लेकिन इससे पहले की इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। सय्यद अकील अहमद औ उदय पान्डेय सबसे अनुभवी और होनहार थे।

इन्होंने गंवाई जान

  • अकील अहमद
  • हेमंत ओरांव
  • संजय चौधरी
  • उदय पान्डेय
  • इंदरमन दुबे
  • गणेश राम
  • केशव राम
  • देवनारायण तारम
  • केआर धु्रव
  • डीके चौहान
  • दिनेश कुमार बोमनिया

अनुकंपा नियुक्ति का क्या होगा
बीएसपी कर्मचारियों एवं यूनियनों ने मृतकों के आश्रितों को नियमित नौकरी देने की मांग की है। इंटक ने सीईओ एम रवि से कल ही सेक्टर-9 अस्पताल में शीध्र ही मृतकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की।

इंटक ने कहा है कि गैस कांड के दौरान 2014 में मृत कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने के दौरान उम्र और शिक्षा की बात कहकर वंचित कर दिया था। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।

मुआवजा 20 से 70 लाख
इस्पात राज्यमंत्री विष्णु देव राय से मृतकों के आश्रितों को 20 से 70 लाख रुपये तक मुआवजा देने की बात कही है। साथ ही दोषियों पर जांच रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई करे का बात कही है।

परिजन शव लेने बिलखते रहे, सेक्टर-9 अस्पताल में भीड़
भिलाई स्टील प्लांट के गैस पाइप लाइन में विस्फोट से मरे 11 कर्मियों का शव बुधवार को पीएम के लिए दुर्ग जिला चिकित्सालय रवाना किया गया। सुबह से परिजन अपनों का शव लेने के लिए बिलखते रहे। वहीं कई परिजन असमंजस की स्थिति में दिखे।

हादसे के कारण कई मृतकों का शव बुरी तरह से जल चुका है। ऐसे में उन्हें पहचाने में मुश्किल हो रही है। इधर सेक्टर-9 अस्पताल के चीरघर में सुबह से लोगों की भीड़ लगी हुई है। सीएम डॉ. रमन सिंह भी कुछ ही देर में पीडि़तों से मिलने अस्पताल पहुंचने वाले हैं।

बता दें कि मंगलवार को भिलाई स्टील प्लांट के कोक ओवन गैस पाइपलाइन में मरम्मत के दौरान विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 30 से ज्यादा कर्मी झुलस गए थे। जिनमें से 12 गंभीर रूप से झुलसे कर्मियों का उपचार सेक्टर-9 अस्पताल में चल रहा है।

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