भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला…जनसंख्या के आधार पर दिया जाएगा आरक्षण…15 फरवरी तक होगी धान खरीदी…मो. अकबर ने कहा… हमारा घोषणा पत्र छत्तीसगढ़ के लिए…दूसरे राज्यों के लिए नहीं…

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजिक कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया। अब प्रदेश में 1 दिसंबर से 15 फरवरी तक धान खरीदा जाएगा। साथ ही आरक्षण की प्रक्रिया में संशोधन किया गया है। बैठक में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिए जाने का फैसला किया गया है। बैठक में और भी कई अहम फैसले लिए गए।
राज्य स्थापना दिवस के दिन आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट की बैठक आहूत की। बैठक में किसानों और जनसंख्या को लेकर अहम फैसले लिए गए। बैठक में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिए जाने का फैसला किया गया है। कैबिनेट ने कुछ जिलों में नौकरी में भर्ती के आरक्षण नियम में बदलाव किया है।
इनमें बस्तर संभाग के ज्यादातर जिले शामिल हंै। क्योंकि वहां आरक्षण का औसत आबादी के अनुपात में अधिक हो रहा था। इसके बाद मध्य बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण और बस्तर विकास प्राधिकरण के द्वारा स्थानीय स्तर में कनिष्ठ चयन बोर्ड होंगी।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए केबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे, मो. अकबर और अमरजीत भगत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य की धान न खरीदने की जो स्थिति बनी हुई है उसका निदान शीघ्र ही हो जाएगा। सरकार 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से धान खरीदी करेगी। जैसे की कांग्रेस की घोषणा पत्र में निर्णय लिया गया था।
करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में कई अहम फैसले लिये हैं। राज्य सरकार ने आरक्षण के प्रावधान में बड़ा संशोधन किया है। राज्य सरकार ने तय किया है कि जिला संवर्ग के पदों के लिए आरक्षण के प्रावधान में संशोधन किया जायेगा।
दरअसल कुछ जिलों में जिला संवर्ग के पदों में आरक्षण का प्रावधान पहले से लागू था, जिसकी वजह से अगर मौजूद आरक्षण नियम जिसके मुताबिक ओबीसी का 27 प्रतिशत, गरीब सवर्णो के आरक्षण 10 प्रतिशत और एससी-एसटी के नये आरक्षण नियमों को लागू किया जाता तो ये प्रतिशत 100 फ ीसदी से भी ज्यादा हो जाता।
ऐसे में राज्य सरकार ने अब जिलों में एससी और एसटी के आरक्षण को तो यथावत रखा है, लेकिन ओबीसी और गरीब सवर्णों के आरक्षण को जनसंख्या के आधार पर तय करने का फैसला लिया है। दरअसल बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा सहित कई जिलों में जिला संवर्ग के पदों में संशोधित आरक्षण का नियम लागू किया जायेगा।
वहीं धान खरीदी की तारीख में भी बढ़ोत्तरी की गयी है। नगरीय आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मौसम और बारिश की वजह से नमी को देखते हुए धान खरीदी अब 15 नवंबर के बजाय 1 दिसंबर से होगी। ये खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होकर 15 फरवरी तक होगी ।
कांग्रेस सरकार अपने वादों के अनुरूक 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर ही धान की खरीदी करेगी। मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि धान खरीदी को लेकर राज्य सरकार ने कड़े प्रावधान किये हैं। प्रति एकड़ 15 क्विंटल की खरीदी होगी।
इस बार प्रदेश में 19 लाख लोगों ने पंजीयन कराया था, जबकि पिछली दफा सिर्फ 16 लाख ही पंजीयन किया गया था। वहीं शिक्षकों की भर्ती अपने वादों के अनुरूप राज्य सरकार जारी रखेगी।
मंत्री मो. अकबर, रविन्द्र चौबे और अमरजीत भगत ने कहा कि प्रति एकड़ 15 क्वंटल धान खरीदा जाएगा। धान पंजीकृत किसानों का ही खरीदा जाएगा। उन्होंने बाहर से धान लाकर कोचिओं द्वारा बेचने के सवाल पर कहा कि दूसरे राज्यों से धान की आवक रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसमें वाहन को राजसात करने से लेकर सजा का भी प्रावधान रखा गया है।
जिस किसान के पंजीयन के आधार पर धान बेचने की कोशिश की जाएगी उस किसान का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा और धान बेचने के लिए अपात्र कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा घोषणा पत्र छत्तीसगढ़ के लिए है। दूसरे राज्यों के लिए नहीं।
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