जगदलपुर। सहायक शिक्षक एलबी के फेडरेशन ने प्रांतव्यापी आह्वान के तहत 4 सूत्रीय मांगों को लेकर फिर एक बार धरना प्रदर्शन कर सरकार के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें सरकार के पुराने आदेश को गलत ठहराते हुए फिर से उस पर विचार करने की मांग की।
नगर के गांधी मैदान से सहायक शिक्षकों का काफिला रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी मांगों के संबंध में व्यक्तिगत रूप से एक-एक आवेदन भरकर उसे मुख्यमंत्री के नाम दिया गया। सहायक शिक्षकों के इस आंदोलन में जगदलपुर ब्लाक के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में ब्लाक स्तर के शिक्षकगण आए हुए थे जिन्होंने सरकार को जमकर घेरा।
पूर्व में शिक्षाकर्मियों ने आंदोलन कर सरकार को चेतावनी दी थी कि उनका संविलियन किया जाए जिसके बाद नाटकीय घटनाक्रम में शून्य में आंदोलन समाप्त किया गया था।
सरकार द्वारा इस मामले पर निर्णय लेते हुए 8 वर्ष पूरे करने वाले लोगों को सम्मिलित करने की सहमति दी थी और शिक्षाकर्मियों के संगठन में एक तरह से दरार पैदा करने की कोशिश की थी तथा कई लोग इस मामले पर पदोन्नत भी हो गए जबकि आधे से अधिक शिक्षकों को उसका लाभ नहीं मिला।
हाईकोर्ट के आदेश से भडक़ा प्रशासन, शिक्षकों से मांगा अभ्यावेदन
दूसरी तरफ जिला पंचायत द्वारा आनन-फानन में 211 लोगों की पदोन्नति आदेश निरस्त करने के बाद शिक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी और इन लोगों को स्टे मिल गया था जिसके बाद प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई।
इस मामले से बौखलाए जिला प्रशासन ने जिला शिक्षा अधिकारी के मार्फत से अभ्यावेदन मांग कर एक तरह से शिक्षकों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। शिक्षकों ने भी जवाब देने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के साथ अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है।
ज्ञात हो कि इस मामले में शिक्षाकर्मियों के अनुसूचित जाति, जनजाति संगठन ने मोर्चा खोल कर सरकार के नाक में दम कर दिया था जिसके कारण पंचायत एवं संचालक तारण प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर एक-एक कर 211 शिक्षकों को डिमोशन कर दिया था।
यह भी देखें : खूबसूरत पत्नी पर ना पड़े लोगों की गंदी नजर, ये सोचकर इस शख्स ने उठाया ये कदम…
Add Comment