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छत्तीसगढ़ के विकास के बिना भारत के विकास की कल्पना नहीं : रामनाथ कोविन्द

राष्ट्रपति ने किया संचार क्रांति योजना का शुभारंभ
रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि बस्तर के विकास के बिना छत्तीसगढ़ के विकास की और छत्तीसगढ़ के विकास के बिना भारत के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। श्री कोविन्द ने बस्तर सहित सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रतिबद्धता को अनुकरणीय बताते हुए इसके लिए उन्हें और राज्य सरकार की पूरी टीम को तथा बस्तर की जनता को बधाई दी है। श्री कोविन्द आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के पास ग्राम डिमरापाल में स्वर्गीय श्री बलिराम कश्यप स्मृति मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 170 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित पांच सौ बिस्तरों वाले विशाल अस्पताल भवन का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा यह अस्पताल भवन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक प्रमुख केन्द्र बनेगा। न केवल छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए चिकित्सा शिक्षा और सेवा का एक उच्चतर मानक स्थापित करेगा।


श्री कोविन्द नेे इस अवसर पर राज्य के 50 लाख लोगों को नि:शुल्क स्मार्ट फोन देने के लिए राज्य सरकार की संचार क्रांति योजना का भी शुभारंभ किया। जनसभा में इसका उल्लेख करते हुए श्री कोविन्द ने कहा – पूरे राज्य में 45 लाख महिलाओं और पांच लाख युवाओं को स्मार्ट फोन देने और बड़ी तादाद में मोबाइल टावर लगाने की राज्य सरकार की यह योजना इस क्षेत्र के विकास को एक नया आयाम देगी। यहां की आदिवासी महिलाएं और युवा मोबाइल बैंकिंग के साथ-साथ केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा मोबाइल फोन के जरिये दी जा रही अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। राष्ट्रपति ने कहा – इस योजना में स्मार्ट फोन और मोबाइल टावर की सुविधाओं से कनेक्टिविटी की दृष्टि से बस्तर और बेंगलुरू के बीच का अंतर समाप्त कर देने की क्षमता है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि देश के ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में भी धीरे-धीरे आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही है।
श्री कोविन्द ने प्रतीक स्वरूप कुछ हितग्राहियों को मोबाइल फोन देकर शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के रूप में देश की बागडोर संभालने का एक वर्ष सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर श्री कोविन्द छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। आज उनकी बस्तर यात्रा का दूसरा दिन था। संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के पास डिमरापाल की विशाल जनसभा में राष्ट्रपति ने कहा – मेरी दृष्टि में बस्तर के विकास के बिना छत्तीसगढ़ के विकास की और छत्तीसगढ़ के विकास के बिना भारत के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। आदिवासी भाई-बहन हमेशा मेरे चिंतन के केन्द्र में रहते हैं।
तब और आज के बस्तर में जमीन-आसमान का अंतर
उन्होंने कहा बस्तर और आसपास के क्षेत्रों से मैं भलीभांति परिचित हूं। लगभग पन्द्रह-सोलह वर्ष पहले मैं वरिष्ठ आदिवासी नेता बलिराम कश्यप के आमंत्रण पर बस्तर आया था। तब और आज के बस्तर में जमीन – आसमान का अंतर आ गया है। श्री कोविन्द ने कहा – आज और कल के दो दिन के प्रवास के दौरान मुझे एक बदलता हुआ बस्तर देखने को मिला, जहां आज विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज है, अच्छी सडक़ें है, इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटि है और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। साथ ही अब यहां रेल और नियमित हवाई सेवा भी उपलब्ध हो गई है। इन उपलब्धियों के पीछे जो दृष्टि, संकल्प और कर्मठता है तथा आदिवासी भाई-बहनों के जीवन में बदलाव लाने के लिए जो प्रतिबद्धता है, वह अनुकरणीय है। उन्होंने दंतेवाड़ा जिले के ग्राम हीरानारा के अपने प्रवास और वहां महिला स्व-सहायता समूहों और किसान समूहों की एकीकृत खेती प्रणाली, दंतेश्वरी ई-रिक्शा सेवा, दंतेवाड़ा की एजुकेशन सिटी के आस्था विद्या मंदिर और सझम विद्यालय के बच्चों की प्रतिभा का भी आज की आमसभा में उल्लेख करते हुए उनकी तारीफ की।


साल में एक दो दिन आदिवासी भाई-बहनों के बीच बिताएं
राष्ट्रपति ने जनसभा में देशवासियों का आव्हान किया कि वे साल में कम से कम एक या दो दिन प्रकृति की गोद में रहने वाले आदिवासी भाई-बहनों के बीच बिताएं, उनके दु:ख दर्द को समझें और उनके जीवन को बेहतर बनाने का भरसक प्रयास करें। ऐसा प्रयास करने वाले हमारे देशवासियों को आनंद और संतोष का अनुभव होगा। साथ ही उन्हें आदिवासी भाई-बहनों से, प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर जीवन जीने की उनकी कला को सीखने का अवसर मिलेगा। श्री कोविन्द ने कहा – देशवासी अगर ऐसा कर सकें, तो उन्हें आदिवासियों की जीवन शैली और प्रकृति के साथ जुडक़र जीवन जीने की उनकी कला को देखने और समझने का भी अवसर मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा – देश की आत्मा गांवों में बसती है। यदि हम देश की जड़ों से परिचित होना चाहते हैं, तो हमें गांवों को भी देखना होगा।
राष्ट्रपति भवन पर प्रत्येक नागरिक का अधिकार
श्री कोविन्द ने जनसभा में प्रदेशवासियों को राष्ट्रपति भवन आने का भी न्यौता दिया। उन्होंने जनता से कहा- राष्ट्रपति भवन सिर्फ राष्ट्रपति का निवास या कार्यालय भर नहीं है, बल्कि वह हमारे लोकतंत्र का प्रतीक और देश की धरोहर है। इसलिए राष्ट्रपति भवन पर प्रत्येक भारतीय नागरिक का अधिकार है। वह आप सबका भी भवन है। उन्होंने कहा – मैं चाहूंगा कि आप नागरिक दिल्ली आएं तो राष्ट्रपति भवन भी जरूर पधारें।

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