
रायपुर। शिक्षक पँ ननि मोर्चा छग के प्रदेश संचालक व शालेय शिक्षाकर्मी संघ छग के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि पहले सभी संगठन, हमारी सब समस्याओं के समाधान के लिए एक साथ आए और अब एक रणनीति और एकजुटता से ही सफलता मिलेगी। अलग-अलग राग अलापने से फायदे कम नुकसान ज्यादा होगा। रायपुर के आशीर्वाद भवन में शालेय शिक्षाकर्मी संघ की आहूत बैठक में प्रदेश के कोने-कोने से अपनी समस्याओं को लेकर आये हुए शिक्षाकर्मियों ने प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे पर आस्था व्यक्त करते हुए अपनी समस्याओं के समाधान कराने का आग्रह किया।
इन समस्याओं में प्रमुख रूप से वर्ग 3 की वेतन विसंगति, वर्ष बन्धन हटाने, अनुकम्पा नियुक्ति, क्रमोन्नति/समयमान आदि रही, जिसका समाधान करने के लिए उन्होंने शालेय शिक्षाकर्मी संघ को पहल करने का अनुरोध किया। समस्याओं को गम्भीरता से सुनने के बाद प्रदेश संचालक वीरेन्द्र दुबे ने शिक्षाकर्मियों से खचाखच भरे हुए आशीर्वाद भवन की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि- संविलियन जैसा बड़ा उपहार हमको तभी मिला जब हम सबने एकजुटता दिखाकर मोर्चा का निर्माण किया और एक मत, एक रणनीति अपनाकर एक साथ संविलियन की मांग की। मोर्चा के 9 सूत्रीय मांग में शामिल,वर्ग 3 एवं समस्त वर्गों की वेतन विसंगति दूर करना,सभी वर्गों के लिए क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान, लम्बित अनुकम्पा नियुक्ति करना, 8 वर्ष का बन्धन हटाना,आदि जितने भी महत्वपूर्ण मांगे है वह तभी पूर्ण हो सकती है जब प्रदेश के सभी सन्गठन और शिक्षाकर्मी पुन: एकजुट होकर लड़ाई लड़े। एकजुटता के अभाव में अलग-अलग राग अलापने अथवा अलग- अलग रणनीति अपनाकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करना तथा एक दूसरे संघ पर दोषारोपण कर उसकी मानहानि करने से इन समस्याओं का अंत होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
वीरेन्द्र दुबे ने आगे कहा कि- शालेय शिक्षाकर्मी संघ इन मुद्दों को लेकर गम्भीरता से सार्थक प्रयास में जुटा हुआ है परंतु सफलता तभी सम्भव है जब मोर्चा की तरह एकजुटता से इन मांगों की पूर्ति के लिए प्रयास किया जाए। इसलिए अब हमारे लिए इन मांगों की पूर्ति के लिए एकजुटता सबसे पहले आवश्यक तत्व है,जिसके लिए हम पूरा प्रयास करेंगे और सबके साथ पुन: बैठकर रणनीति तय करेंगे।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के इस प्रादेशिक बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रान्तीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने संविलियन के संदर्भ में सभा की जिज्ञासाओं को शांत किया। वहीं संघ के संस्थापक सदस्य व दुर्ग जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने संविलियन हेतु किए गए संघर्षों की जानकारी दी। प्रांतीय उपाध्यक्ष विष्णु शर्मा द्वारा 1995 से संविलियन की लड़ाई और बलिदान को रेखांकित करते हुए बताया कि संविलियन अपने आप में ऐतिहासिक निर्णय है। हमें इस पर कोई आंच नहीं आने देना चाहिए। प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा ने सोशल मीडिया के नफा-नुकसान को बताते हुए कहा कि- प्रदेश में अफवाहों का बाज़ार गर्म है, अत: सचेत रहकर अच्छे लोगों को अच्छे कार्यों के समर्थन हेतु आगे आना चाहिए तभी ऐसी नकरात्मक शक्तियां खत्म होंगी।
इस बैठक में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य घनश्याम पटेल, कृष्णराज पांडेय,विक्रम राजपूत सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए बड़ी संख्या में शिक्षाकर्मीगण जिनमें विजय तिवारी (बिलासपुर), दिनेश चौहान, दीप्ति पटेल (बेमेतरा), मौसमी शर्मा, भावना शर्मा (रायपुर), शुभ्रा चक्रवर्ती, रमा अग्निहोत्री (बालोद), प्रीति सिन्हा, डोमेन्द्र वर्मा (दुर्ग), प्रकाश शर्मा, मोरध्वज (सूरजपुर), हेम यादव, हरि साहू (गरियाबंद) गणेश शर्मा (कोटा) सहित अनुकम्पा वाले परिवारजन सम्मलित हुए।
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