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सोशल मीडिया पर विपक्ष को जबाव देने BJP ने बनाई साइबर सेना, तीन स्तर पर होगा काम, डाटा बैंक किया जा रहा तैयार

लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर विपक्ष के हमले का जवाब देने के लिए तैयारी शुरु कर दी है। बीजेपी ने ‘साइबर सेना’ बनाई है, जो हर मतदान केंद्र पर पांच लोगों तक पहुंच बनाकर विपक्ष के दुष्प्रचार के खिलाफ बीजेपी की उपलब्धियों की तथ्यात्मक तस्वीर पेश करेगी। भाजपा की मंशा है कि वह जनता तक तेजी से पहुंचे खासकर युवाओं तक। पार्टी का मानना है कि सोशल मीडिया का प्रभाव किसी से छुपा नहीं है, इसलिए उस पर काम करना जरुर है। भारत में दूरदराज गांवों में भी अब सोशल मीडिया पहुंच चुका है।

ऐसे करेगी सेना काम

बीजेपी की साइबर सेना विपक्षी दलों के आरोपों का जबाव देने के लिए विशेष रूप से काम करेगी। इसके लिए विभिन्न विषयों पर डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है ताकि, आरोपों का जवाब तथ्य और आंकड़ों के साथ दिया जा सके। पार्टी की सोशल मीडिया टीम तीन स्तरों पर काम करेगी। एक समूह प्रिंट मीडिया पर ध्यान देगा और बीजेपी के खिलाफ प्रचार पर नजर रखेगा। एक दल बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिये जवाबी रिपोर्ट तैयार करेगा।



बीजेपी की ओर से विपक्ष के दुष्प्रचार के खिलाफ प्रत्येक मतदान केंद्र-बूथ पर पांच चुने गए लोग जवाबी रिपोर्ट एवं पार्टी से जुड़े तथ्यात्मक आंकड़ों वाले संदेश भेजेंगे। इन पांच लोगों को प्रतिदिन बीजेपी का बुलेटिन भेजा जायेगा। ये लोग स्मार्ट फोन से लैस होंगे और सोशल मीडिया पर सक्रिय होंगे। पार्टी के साइबर कार्यकर्ताओं से बड़े नेताओं के रूख का प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से करने को भी कहा गया है। इसके लिये पार्टी सोशल मीडिया पर काम करने के लिए बड़ी टीम तैयार की जा रही है।

मोदी-मनमोहन के कार्यकाल का तुलनात्मक अध्ययन

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका के महत्व को देखते हुए अपनी रणनीति के तहत बीजेपी ने क्षेत्रवार साइबर विशेषज्ञों की टीम तैयार की है और इसका विस्तार किया जा रहा है। बीजेपी की आईटी टीम से नरेन्द्र मोदी सरकार और पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार की योजनाओं से जुड़े सभी पहलुओं का तुलनात्मक विवरण तैयार करने और उसके निष्कर्ष पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा गया है।



पार्टी इसके जरिये संप्रग (कांग्रेस) सरकार और राजग सरकार के कार्यों को तुलात्मक स्वरूप में लोगों तक पहुंचएगी। अलग-अलग योजनाओं के तुलनात्मक अध्ययन का जिम्मा अलग-अलग टोलियों को सौंपा गया है। इन सभी टोलियों द्वारा तैयार किए गए आंकड़े केंद्रीय टीम को सौंपे जा रहे हैं। उसके आधार पर सार तैयार किया जाएगा। इसके बाद उन टोलियों की जिम्मेदारी होगी कि वे उन तथ्यों से प्रत्येक जन को अवगत कराने के लिए एक-एक दरवाजे पर दस्तक दें।

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