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लंबित मांगों को लेकर शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने किया जोरदार प्रदर्शन, सामूहिक हड़ताल पर रहे राज्य भर के शासकीय कर्मी

रायपुर। छत्तीसगढ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के तत्वाधान में आज राज्य भर के शासकीय कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल किया। राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल में शासकीय कर्मचारियों ने अपनी एकजुटता दिखाई और लंबित मांगों को पूरा कराने नारेबाजी की।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में करीब 2 लाख 25 हजार की संख्या में शासकीय कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं। शासकीय कर्मचारियों व अधिकारियों के करीब 28 संगठन है। इन सभी संगठनों के नेताओं ने पूर्व में बैठक और चर्चा कर अपनी एकजुटता दिखाई थी और आज 27 जून को सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया था। इसी क्रम में आज राज्य भर के शासकीय कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर सांकेतिक हड़ताल में शामिल हुए। ज्ञात हो कि कर्मचारी संगठन ने चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, वेतन विसंगति, सहित अनेक मुद्दों पर आज तक किसी प्रकार की सकारात्मक पहल नही होने के कारण प्रतीकात्मक रूप से विरोध स्वरूप एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल कर प्रदर्शन किया है।

शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के अनुसार वर्ष 2013 के घोषणा पत्र में तृतीय व चतुर्थ कमचारी वर्ग के लिए भाजपा सरकार ने कुछ वादे किए थे। उन मांगों के पूरा ना होने पर प्रदेशभर के कर्मचारी वर्ग ने आज एक दिन का अवकाश लेकर प्रदर्शन करने जुट गए हैं। आज पूरा दिन प्रदर्शन के बाद कर्मचारी संगठन अपने-अपने जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद भी यदि मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता अथवा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कर्मचारियों ने अनिश्चितकालिन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
ये है प्रमुख मांगें :
1. भाजपा के विधान सभा चुनाव 2013 के संकल्प पत्र चुनावी घोषणा पत्र मे किये गये कर्मचारी हितैषी वादों को पूरा करने जिनमें चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, लिपिकों सहित समस्त संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करन, पूर्ण पेंशन की पात्रता के लिए 33 वर्ष की जगह 25 वर्ष करने सहित बहुत से वादे शमिल हैं को पूरा कराने ।
2 .सातवें वेतनमान का ऐरियर्स प्रदान करते हुए गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भत्तों को 1जनवरी 2016 से दिया जाए।
3. प्रदेश के समस्त निगम मंडल के साथ साथ समस्त पेंशनरों को भी सातवें वेतनमान का लाभ 01 जनवरी 2016 से देने।
4. संविदा कर्मचारियों, अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पूर्व की भांति नियमित करने ।
5. प्रदेश के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को केन्द्रीय दर पर महंगाई भत्ता देने
6. राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक हर तीन माह मे आयोजित करवाने ।
7. लंबित किश्त का अविलंब नगद भुगतान करने।
8. नये रायपुर मे बसने के इच्छुक अधिकारियों ए कर्मचारियों को सस्ती दरों पर विकसित भूखंड उपलब्ध कराने।
9.विभिन्न संगठनों की मान्यता संबंधी लंबित मामले का निराकरण कराने के साथ ही प्रांतीय पदाधिकारियों को पूर्व की तरह मंत्रालय पास जारी कराने जैसे मुद्दे शमिल हैं ।

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