नई दिल्ली। प्राय: यह देखने को मिलता है कि पटरी पर तेज रफ्तार ट्रेनों पर कई बच्चे खेल-खेल में पत्थर फेंकते हैं। इससे ट्रेनों की बोगियों के शीशे टूटने के कारण रेलवे की संपत्ति का काफी नुकसान पहुंचता है। इसको देखते हुए आरपीएफ के जवानों ने ऐसे बच्चों से दोस्ती करनी शुरू कर दी है।
आनंद विहार रेलवे स्टेशन के आरपीएफ प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि अभियान उत्तर रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त एनएन मिश्रा की ओर से संचालित किया जा रहा है। करीब एक हफ्ते से वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त शशि कुमार की देखरेख में यह अभियान चल रहा है। इसमें अब तक 150 बच्चों से संपर्क साधा गया है।
वर्दी में होने के कारण बच्चे दूर भागते थे। ऐसे में उन्हें टॉफी-चाकलेट बांटकर पास बुलाया गया। उनसे दोस्ती की गई। उनसे पत्थर फेंकने के कारण पूछे गए। इसके बाद उन्हें बताया कि उनके फेंके गए पत्थर से हाल ही में नरेला में एक ट्रेन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। इसी तरह के कई उदाहरण उन्हें दिए गए। मंडावली रेलवे लाइन के आसपास बसी कॉलोनियों में भी आरपीएफ कर्मी पहुंचे। यहां बुजुर्गो और आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के साथ बैठक की गई। उन्हें पॉम्पलेट्स बांटे गए। साथ ही यह अनुरोध किया गया कि इस तरह की घटनाओं को रोकने में सहयोग करें।
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