बेंगलुरु। पालतू कुत्तों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के नया कानून बनाया है (Rules for Pet Dogs)। इस कानून के विरोध में शहर के सैंकड़ों ‘डॉग लवर्स’ सड़क पर उतर आए। इन्होंने कानून को रद करने की मांग की है। दरअसल, पालिका के अंतर्गत जो नया कानून बना है उसके अनुसार, जो लोग कुत्ते पालेंगे, उन्हें लाइसेंस लेना जरूरी होगा। लाइसेंस के साथ ही जो नियम बनाए गए हैं, वह बहुत ही कठिन और खर्चीले हैं।
इस कानून के विरोध में शहर में ‘नॉट विदाउट माइ डॉग कैंपेन’ शुरू किया गया। लोगों का मानना है कि बीबीएमपी का यह फैसला अच्छा नहीं है। इस तरह का कदम कुत्ते के त्याग का कारण बन सकता है।
कैंपेन के संयोजकों में से एक ने कहा, ‘बीबीएमपी ने बिना जांच के ही इन कानूनों को जारी कर दिया है। हमें समझ नहीं आ रहा कि वे इन कानूनों को क्यों लागू कर रहे हैं जो असंवैधानिक है और जनता के खिलाफ है।’
एक अन्य संयोजक ने कहा, ‘पिछली बार भी जनता और एनिमल वेलफेयर ऑफ इंडिया सड़क पर उतर आई थी। नए नियम के अनुसार, कुत्ते के मालिक को लाइसेंस लेना होगा और इसे हर साल रिन्यू कराना होगा। साथ ही रेडियो कॉलर में एक चिप लगी होगी। इसका खर्च कुत्ते के मालिक को ही उठाना पड़ेगा। अगर कोई कुत्ता बिना लाइसेंस के पाला गया तो मालिक को 1,000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। कुत्तों के पालने की संख्या भी नियंत्रित की गई है। अपार्टमेंट में रहने वाले लोग सिर्फ एक कुत्ता पाल सकेंगे, जबकि अपने मकानों में रहने वाले अधिकतम तीन कुत्ते ही रख सकेंगे।
Add Comment