
रायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने बताया कि मतगणना भारत निर्वाचन आयोग के निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी। प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक रेण्डमली चयनित वीवीपैट मशीन की पर्चियों की गणना ईवीएम में दर्ज मतों के साथ की जाएगी।
मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ में ही वीवीपैट पर्ची की गणना की जाएगी लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी इसे लेकर आपत्ति करते हैं और विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथों में वीवीपैट पर्ची की गिनती की स्थिति निर्मित होती है तो नतीजे आते आते आधी रात भी हो सकती है सभी राजनीति पार्टी मतगणना की रणनीति पूरी तरह तैयार कर ली है।
कांग्रेस ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की है। इसी के चलते कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वीवीपैट पर्ची और ईवीएम मशीनों के फोटो में अंतर आने पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र की सभी वीवीपैट मशीनों की पर्ची की गिनती कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा।
ऐसी स्थिति निर्मित होने पर पूूरी मतगणना बैलट पेपर की तर्ज पर होगी। यानी बैलट पेपर की तरह भी भी पेट की पर्ची की अलग-अलग छटाई कर उनका बंडल बनाया जाएगा। इसके आधार पर गिनती होगी।
इस प्रक्रिया में समय अधिक लगेगा। नतीजे घोषित करने में रात 2 से 3 बजे तक का समय लग सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विवि पर प्रति प्रिंट होकर बाहर आएगी। इस स्थिति में मतदान रद्द होने की गुंजाइश बहुत कम होगी।
जबकि बैलेट पेपर में मुहर के आधार पर बहुत से वोट खराब हो जाते हैं चुनाव कार्य से जुड़े अफसरों का कहना है कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट पर्ची से गिनती की संभावना बहुत कम है।
ईवीएम और वीवीपैट पर्ची की गिनती में अंतर आने की संभावना बहुत कम है। वीवीपैट की पर्ची से गिनती के लिए प्रत्याशियों को ठोस कारण बताते हुए रिटर्निंग ऑफिसर के सामने आवेदन देना होगा। आवेदन पर लिखे कारण से संतुष्ट होने पर ही आरओ अनुमति देगा नहीं तो प्रत्याशियों के आवेदन खाली हो जाएंगे।
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