छत्तीसगढ़

जिले में नहीं हो रहा नर्सिंग होम एक्ट का पालन, उड़ रही नियमों की धज्जियां…

चंद्रकांत पारगीर, बैकुंठपुर। प्रदेश सरकार के द्वारा वर्ष 2013 में लागू किये गये नर्सिंग होम एक्ट को लेकर न तो स्वास्थ्य विभाग सजग है और न ही जिला प्रशासन। जब से मुख्यमंत्री कौशल विकास के तहत एक संस्था के छात्रों को निजी लैबों में नौकरी सर्विस दी गई है। तब से अवैध लैब और झोला छाप डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही बंद हो गयी है, क्योंकि छात्रों की नियुक्ति पर प्रशासन ने शर्त रख थी कि जो भी उक्त संस्था के छात्रों को जगह देगा उसके खिलाफ किसी भी तरह की जांच नहीं की जाएगी। जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट के फरमान के बाद लैब व नर्सिग होम पर कार्यवाही की गयी थी, तब कई कई नियम विरूद्ध तरीके से चल रहे लैब व क्लीनिक के संचालक भूमिगत हो गये थे। वहीं लैब के संचालकों के द्वारा सीएमएचओ कार्यालय में चढाई गई चढोतरी के बाद लैब तो खुल गए वहीं नियमों की अनदेखी जारी रही। वहीं आज भी किसी भी लैब में कोई चिकित्सक नहीं बैठ रहा है, लैब संचालकों की मनमर्जी से प्रतिदिन मरीजों की जान से खिलवाड हो रहा है। दूसरी ओर अब जिला प्रशासन ने लैबों के खिलाफ जांच नहीं करने का फरमान जारी कर लोगो के स्वास्थ्य के साथ उन्हें खिलवाड करने का मौका दे दिया है।

स्वास्थ्य विभाग ने लैब व निजी क्लिनिकों में नर्सिंग होम एक्ट के प्रावधान को लागू नही किया गया है। प्रावधान के हिसाब से अभी भी कई खामियां उक्त स्थानों पर है जो कि अनिवार्य रूप से होना चाहिए था। मरीजों की सुविधाओं से लेकर भी कई प्रावधान किये गये है। लेकिन कही पर भी मरीजों की सुविधाओं का ख्याल नही रखा गया। आज स्थिति यह है कि कई लैब संचालकों के द्वारा यूरिनल की व्यवस्था भी नही की गयी है। शहर में ही कई लैब ऐसे मिल जायेंगे जहॉ कई आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। इसके बाद भी नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्यवाही नही की जा रही है। संचालकों के द्वारा इस संबंध में जो जानकारी विभाग केा दी है वह सही है या नही इसकी भी जांच पडताल नही की गई। इसके अलावा पैथोलैब, एक्स रे सेंटर के लिए शासन द्वारा निर्धारित मापदंड है साथ ही नर्सिंग होम एक्ट में भी कई प्रावधान किये गये है जिसका पालन अधिकांश पैथो लेब संचालकों के द्वारा नही किया जा रहा है। वही निजी क्लिनिक संचालकों के द्वारा भी अपने अस्पताल में नर्सिंग होम एक्ट का पालन नही कर रहे है। नियम विरूद्ध तरीके से चल रे पैथो लैब, एक्स रे व निजी चिकित्सा केंद्रो पर जॉच करने की जरूरत है।


जिला प्रशासन नहीं चाहता कार्यवाही
जिले में नर्सिंग होम एक्ट का पालन हो रहा है या नही इसे देखने का काम स्वास्थ्य विभाग का है। वहीं जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को किसी भी तरह की कार्यवाही ना करने का मौखिक आदेश दे रखा है। इधर, जिला प्रशासन नहीं चाहता है कि निजी पैथोलैब, एक्स रे सेंटर व निजी क्लिनिकों की जॉच पडताल की जाये। क्योकि प्रत्येंक उक्त केंद्र किसी न किसी चिकित्सक से अपने संबंध बनाये हुए है। वहीं एक संस्था के छात्रों को लैबों मे रखने को लेकर अब उन पर कार्यवाही नहीं की जा सकती है। इसी का फायदा उठाते हुए जिले में नर्सिंग होम एक्ट की धज्जियॉ उडाई जा रही है लेकिन कार्यवाही किसी पर नही की जाती।

 

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