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(बड़ी खबर) छत्तीसगढ़: 2 अगस्त से स्कूल अनलॉक… 50% छात्रों के साथ शुरू होंगे स्कूल-कॉलेज… सर्दी-खांसी होने पर नहीं मिलेगी एंट्री… ऑनलाइन क्लासेज भी चलेंगी… पढ़िए पूरी गाइडलाइन…

छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल और कॉलेज अनलॉक हो रहे हैं। पिछले साल 2020 मार्च से ही स्कूल कॉलेज कोविड के खतरे की वजह से बंद कर दिए गए थे। स्कूल और कॉलेज में अब पहले की तरह ऑफलाइन मोड क्लास में पढ़ाई होगी। इसे लेकर सोमवार को एक गाइडलाइन जारी की गई है।

गाइडलाइन के मुताबिक, स्कूल और कॉलेज दोनों ही जगहों पर सख्ती से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया है। सफाई और सैनिटाइजेशन समय-समय पर करते रहने को कहा गया है। दोनों ही जगहों पर एक वक्त में 50 प्रतिशत बच्चे ही बुलाए जाएंगे। बाकि के बच्चे दूसरे दिन पहुंचेंगे। फिलहाल स्कूल और कॉलेज की ऑनलाइन क्लासेस भी जारी रहेंगी। राज्य सरकार के आदेश के बाद अब प्रदेश के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल स्टूडेंट्स के लिए खुल जाएंगे।

ये है गाइड लाइन

सभी निजी और शासकीय विद्यालयों में कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षाएं सोमवार 2 अगस्त से शुरू होंगी।

स्कूल में पहली से पांचवीं और कक्षा 8वीं की क्लास लगेगी या नहीं ये ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत और स्कूल की पालक समिति तय करेगी।

शहरी इलाकों में इन क्लासेस के लिए संबंधित वार्ड के पार्षद और स्कूल की पालक समिति की मंजूरी के बाद ही क्लास लगेगी।

जिन जिलों में कोरोना की पॉजिटिविटी दर 7 दिनों तक 1 प्रतिशत से कम रही वहीं स्कूल खुलेंगे।

ऑफलाईन क्लास में एक दिन के गैप में स्टूडेंट पहुंचेंगे। हर दिन आधे बच्चे ही आएंगे।

स्कूल और कॉलेज में किसी भी विद्यार्थी को सर्दी, खांसी, बुखार होगा तो उसे कक्षा में नहीं बैठाया जाएगा।

स्टूडेंट्स और कॉलेत में इंस्टीट्यूट में आने की अनिवार्यता नहीं होगी, स्टूडेंट चाहें तो ऑनलाइन क्लास से जुड़ सकते हैं।

कॉलेज में 2 अगस्त से सबसे पहले पोस्ट ग्रेज्युएट क्लासेस शुरू होंगी, अंडर ग्रैज्यूएट क्लासेस 15 दिन बाद शुरू होगी।

प्रदेश के आंगनबाड़ी भी शुरू
सोमवार से छत्तीसगढ़ के सभी आंगनबाड़ी भी खोल दिए गए। 22 मार्च से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद रखते हुए बच्चों के घरों में सूखा राशन पहुंचाया जा रहा था। सोमवार को अनलॉक के बाद आंगनबाड़ियों में साफ-सफाई करने और सैनिटाइज करने के बाद 3 से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और सुपोषण अभियान के हितग्राहियों को गरम भोजन दिया गया। कुछ जगहों पर गर्भवती माता और गंभीर कुपोषित बच्चों को घर पहुंच सेवा के जरिए गरम पका भोजन दिए जाने की व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए रेडी टू ईट फूड घर पहुंचाया जाएगा।

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