रायपुर। वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर बड़ा बयान देकर सभी को चौका दिया है। साय ने कहा कि “इसके किसी को कोई नुकसान नहीं है, रहा सवाल आदिवासियों की संस्कृति, परंपरा और मूलभूत रुढ़ियों पर प्रभाव पड़ने का, तो मुझे नहीं लगता है कि इसका कोई प्रभाव पड़ेगा।” अब साय के इस बयान से कांग्रेस के खेमे में खलबली मची हुई है।
दरअसल भाजपा से हाल ही कांग्रेस में शामिल हुए आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने धमतरी प्रवास के दौरान UCC को लेकर अपनी राय रखी। मीडिया से चैचा के दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता को लेकर कहा कि “यह बहुत पहले से चर्चा का विषय रहा है, दल से भी ऊपर बातें होती रही है। कॉमन सिविल कोड को सभी लोगों के समझने का मसला है।”
उन्होंने आगे कहा कि “अगर एक सामान्य समान नीतियां सभी के लिए हों, तो इससे किसी को नुकसान तो नहीं होना चाहिए, लेकिन सबको समझना है।” आदिवासियों के बीच UCC के विरोध पर साय ने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति, परंपरा और रुढ़ियों पर प्रभाव पड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन मुझे लगता है कि इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अलग विषय पर सबकी अलग सोच
एक तरफ कांग्रेस जहाँ समान नागरिक संहिता को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है। वहीं सूबे के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय के इस बयान से ख़लबली मची हुई है। कांग्रेस नेताओं की अलग-अलग राय होने के सवाल पर नंद कुमार साय ने कहा कि “ऐसा संभव है. इस पर कोई पार्टी नीति तय नहीं कर सकती है।
अलग-अलग लोगों की अलग-अलग विषय पर अलग-अलग सोच हो सकती है। यूसीसी पर सबके अभिमत को एकत्रित किया जा रहा है। मेरा अपना मत है कि इससे कोई भी वर्ग, कोई भी संप्रदाय अथवा किसी भी समाज को नुकसान नहीं होना चाहिए, लेकिन इस पर सबको विचार करना चाहिए।”
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