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बुद्ध पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री ने जनता को किया संबोधित…कहा…थक कर रुक जाना कोई विकल्प नहीं…विजय के लिए निरंतर प्रयास जरूरी…

नई दिल्ली। आज बुद्ध पूर्णिमा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दुनिया में पैदा हुई उथल-पुथल और निराशा के बीच भगवान बुद्ध की सीख पहले से भी अधिक प्रासंगिक है।

थक कर रुक जाना, कोई विकल्प नहीं होता और विजय के लिए निरंतर प्रयास जरूरी है। मानवता की सेवा करने वाले नमन के पात्र हैं।



प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार परिस्थितियां अलग हैं। दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है। आपके बीच आना मेरा सौभाग्य होता है लेकिन मौजूदा स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है।

बुद्ध के कदम पर चलकर भारत आज दुनिया की मदद कर रहा है। फिर चाहे वो देश में हो या फिर विदेश में, इस दौरान लाभ-हानि को नहीं देखा जा रहा है।



प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतबिना किसी स्वार्थ के दुनिया के साथ खड़ा है। हमें अपने, अपने परिवार के साथ ही दूसरों की भी सुरक्षा करनी होगी।

संकट के समय हर किसी की मदद करना ही सबका धर्म है। हमारा काम निरंतर सेवा भाव होना चाहिए। दूसरों के लिए करुणा-सेवा का भाव रखना जरूरी है।

उन्होंने कहा-उनका (भगवान बुद्ध) कहना था कि मानव को निरंतर यह प्रयास करना चाहिए कि वह कठिन परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करे, उनसे बाहर निकले। थक कर रुक जाना, कोई विकल्प नहीं होता।

मोदी ने कहा कि बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि इसी आत्मबोध के साथ भारत निरंतर पूरी मानवता एवं पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा।



समाज बदला, बुद्ध का संदेश नहीं
संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं। वह हर किसी को मानवता की मदद करने का संदेश देते हैं।

समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश जीवन में निरंतर विद्यमान रहा है। हम सभी के जीवन में उसका विशेष स्थान रहा है।

यह सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक पवित्र विचार भी है।



प्रत्येक जीवन की मुश्किल को दूर करने के संदेश और संकल्प ने भारत की सभ्यता को, संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कई लोग ऐसे हैं जो देश के अलग-अलग हिस्सों में, दुनिया में अपनी-अपनी तरह से लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। सड़क पर लोगों से कानून का पालन करवाना हो या बीमार का इलाज करना।

हर कोई अपनी तरह से सेवा कर रहा है। मानवता की सेवा में जुटे ऐसे लोग नमन के पात्र हैं। आज दुनिया में उथलपुथल है, ऐसे समय पर बुद्ध की सीख जरूरी है।

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