राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर दिए बयान को लेकर खुलकर बात की है. एनसीपी सुप्रीमो ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के बारे में टिप्पणी करने पर छिड़े विवाद को लेकर कहा कि यह अब राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है. बता दें कि राहुल गांधी ब्रिटेन में अपने भाषणों को लेकर निशाने पर रहे हैं. खासकर मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता को लेकर भी सुर्खियों में छाए हुए हैं.
पवार ने शनिवार को नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं नहीं मानता कि इसे महत्व का मुद्दा बनाया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. मुझे याद है कि एक राष्ट्रीय नेता ने मनमोहन सिंह सरकार के बारे में बयान दिया था और कई नेताओं ने ऐसा ही किया है. अगर कोई भारतीय अपने देश में समस्याओं के बारे में बताता है, तो सत्तारूढ़ पार्टी को उन्हें हल करने के तरीके खोजने चाहिए.
इससे पहले पवार ने विदर्भ क्षेत्र में वसंतदादा चीनी संस्थान की एक शाखा स्थापित करने के संबंध में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के साथ बैठक की थी.
सावरकर के बारे में बयान पर विवाद के मद्देनजर गांधी को उनकी सलाह के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘सावरकर अब कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है. यहां तक कि हम पहले भी हिंदू महासभा के खिलाफ बोल चुके हैं. लेकिन एक व्यक्ति के तौर पर सावरकर के खिलाफ नहीं. पुराने मुद्दों को खंगालने से कोई फायदा नहीं होगा.’
अडानी मुद्दे पर पवार ने कहा कि उनकी पार्टी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद व्यवसायी की जेपीसी जांच की मांग का समर्थन करती है. हम जेपीसी की मांग का समर्थन करते हैं. लेकिन इसका दूसरा एंगल है. सीजेआई ने पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति को अडानी पर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. जब सीजेआई ने यह निर्देश दिया है तो इस पर विचार करने की जरूरत है.
पवार ने आगे कहा कि भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्ष के एक साथ आने की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन अभी भी चर्चा के स्तर पर है.
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