नई दिल्ली। भारत अब अपनी आसमानी ताकत मेें जबर्दस्त इजाफा करते हुए अमेरिका से 110 अमेरिका लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी मुल्कों से कई मसलों पर चल रही तनातनी के बीच इस डिफंस डील को विश्व का सबसे बड़ा डील माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह डील करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की है। वायु सेना ने आज अरबों डॉलर के खरीद सौदे के लिए आरएफआई (सूचना के लिए अनुरोध) या शुरुआती निविदा जारी की है। यह सौदा सरकार के मेक इन इंडिया पहल के साथ होगा.
अधिकारियों ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी लाने के मकसद से हाल में शुरू रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारतीय कंपनी के साथ मिलकर विदेशी विमान निर्माता लड़ाकू विमान बनाएंगे। सौदे की स्पर्धा में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, साब और दसॉल्ट समेत अन्य सैन्य विमान निर्माता कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है। वायु सेना पुराने हो चुके कुछ विमानों को बाहर करने के लिए अपने लड़ाकू विमान बेड़े की गिरती क्षमता का हवाला देते हुए विमानों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है। सरकार द्वारा पांच साल पहले वायु सेना के लिए 126 मध्यम बहु भूमिका लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) की खरीद प्रक्रिया को रद्द करने के बाद लड़ाकू विमानों के लिए यह पहला बड़ा सौदा होगा।
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