रायपुर। शिक्षाकर्मी संविलियन की मांग पूरी न होने की वजह से अब सार्वजनिक मुंडन की रणनीति बना रहे हैं वह भी महिला शिक्षाकर्मियों को मुंडन। मध्यप्रदेश में भी विरोध-प्रदर्शन के दौरान महिला शिक्षाकर्मियों ने मुंडन कराया था उसी की तर्ज में भी छत्तीसगढ़ में भी 101 शिक्षाकर्मी मुंडन करवाएंगी। सीएम ने भी शिक्षाकर्मियों को मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन किसी कारणवश बैठक टल गई थी। सीएम कार्यालय ने एक हफ्ते का समय शिक्षाकर्मियों को दिया है मुख्यमंत्री से भेंट का, लेकिन उसमें से भी चार दिन गुजर चुके हैं। शिक्षाकर्मी संघ के वीरेन्द्र दुबे ने बताया कि हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। वह अभी भी जारी है। बस शासन को समय दिया जा रहा था, ताकि वे भी प्रक्रिया के तहत कार्यकर ले, लेकिन अगर मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन करने से हम पीछे नहीं हटेंगे। श्री दुबे ने कहा कि एमपी में मुंडन का जो आंदोलन छेड़ा गया था उसे तरह छत्तीसगढ़ में भी आंदोलन करने पर विचार हो रहा है।
एमपी के शिक्षाकर्मी संघ से बात चल रही है और उनसे रणनीति के संबंध में चर्चा जारी है, जल्द ही यह कार्य रुप में परणीत हो सकता है। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन कार्य चल रहा है, लेकिन विरोध स्वरुप काली पट्टी शिक्षाकर्मी लगा रहे हैं। प्रवक्ता जितेन्द्र शर्मा का कहना है कि शिक्षाकर्मियों ने अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए मूल्यांकन कार्य करने का निर्णय लिया है, ताकि बच्चों के रिजल्ट को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो। इससे पहले ही पढ़ाई के व्यवधान को देखते हुए आंदोलन को रद्द किया गया था। अब सरकार की बारी है कि वे शिक्षाकर्मियों के संबंध में संवेदनशीलता दिखाते हुए उनकी मांग पूरी करे।
शिक्षाकर्मियों की मांग को पूरा करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है। इससे पहले उन्हें तीन महीने का समय दिया गया था, लेकिन कमेटी कार्य पूरा नहीं कर पाई थी, इसलिए समिती का कार्यकाल एक महीने बढ़ाया गया था, जिसकी मियाद भी आज खत्म हो गई है। ऐसा बताया जा रहा है कि आज शाम को समिति अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप सकती है।
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