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ठगी का ऐसा भी तरीका, इंश्योरेंस पाॅलिसी की 38 हजार रूपये की मेच्योरिटी दिलाने का झांसा देकर झटक लिए 27 लाख…

भिलाई नगर। इंश्योरेंस पॉलिसी की मेच्योरिटी रकम दिलाने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगों ने पीड़ित से डेढ़ साल के भीतर अलग अलग तरीके से झांसा देकर 27 लाख रुपए ठग लिए हैं। इस मामले की भिलाई नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर सात अज्ञात मोबाइल धारकों के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर पतासाजी की जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक निजी बिजली कंपनी के सिक्योरिटी इंचार्ज एचएससीएल कॉलोनी निवासी संजय सिंह इस तरह की ठगी का शिकार हुए हैं। उनकी 35 हजार रुपए की इंश्योरेंस पॉलिसी की मेच्योरिटी रकम दिलाने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगों ने कुल 27 लाख रुपए ठग लिए हैं। ठगों ने डेढ़ साल में उनसे अलग-अलग बहाने से कई खातों में पैसे जमा करवाए हैं।

जमा पूंजी ख़त्म हुई तो दोस्तों से ली उधारी

ठगों को रकम देने के लिए संजय ने अपनी जमा पूंजी के आलावा परिचित, रिश्तेदार और दोस्तों से भी उधार लिया है। ठगी का अहसास होने पर संजय की तबियत भी बिगड़ गई। जिसके बाद परिजनों ने भिलाई नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने 7 अज्ञात मोबाइल नंबर धारकों के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया है।

ठगी की शुरुआत छोटी रकम से

संजय ने पुलिस को बताया कि वो रायपुर स्थित बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड कंपनी में सुरक्षा प्रभारी है। 13 जनवरी 2021 को उसके पास एक मोबाइल नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उसे बताया कि वह भारती हैक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बोल रहा है। उसकी पॉलिसी की मेच्योरिटी डेट आ गई है। उसे 35 हजार की पॉलिसी का मेच्योरिटी अमाउंट 84 हजार रुपए मिलेगा। कॉल करने वाले ने अर्चना त्यागी नाम की युवती का फोन नंबर देकर बात करने कहा। युवती ने कहा कि इसके लिए उसे 10 हजार रुपए बैंक अकाउंट में जमा करना होगा। इस राशि में से 100 रुपए कट जाएंगे, बाकी पैसा पॉलिसी की राशि के साथ जुड़कर मिल जाएगा। कुछ दिनों बाद अंकित डाबर नाम के युवक ने बैंक अकाउंट अपडेट करने के नाम पर 15 हजार जमा करने कहा।

एक करोड़ से ज्यादा लाभ का दिया झांसा

इसके बाद अलग-अलग नंबर से संजय के पास फोन आता रहा। कॉल करने वालों ने अलग-अलग स्कीम के जरिए प्रलोभन देकर पॉलिसी की राशि 1 करोड़ से ज्यादा दिलाने का झांसा देकर 31 जनवरी 2021 से 29 जून 2022 के बीच 27 ट्रांजेक्शन के माध्यम से 27 लाख रुपए जमा करवा लिए हैं। शिकायत बाद आरोपियों के संबंध में मोबाईल नंबर के आधार पर पतासाजी की जा रही है।

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