नागपुर से बिलासपुर आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस में बुधवार की शाम भिलाई नगर व भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन के बीच पथराव किया गया था। जिससे ई–1 कोच की एक खिड़की का कांच टूट गया है। गुरुवार को आरपीएफ के जवानों ने रेलवे लाइन के दोनों तरफ रहने वालों से पूछताछ करने के बाद उन्हें समझाइश भी दी। वंदे भारत एक्सप्रेस में बुधवार को शाम 18.09 बजे भिलाई नगर से भिलाई पावर हाउस के मध्य सेक्शन में किसी अज्ञात के द्वारा पत्थरबाजी की गई है।
जिसके कारण E-1 के दाहिने तरफ के बाहर का शीशा क्रेक हो गया है, जिसकी सूचना रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट, भिलाई को मिलते की निरीक्षक पूर्णिमा राय बंजारे, अपने मातहत बल सदस्यों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे, गाड़ी अपने गंतव्य के लिए रवाना हो चुकी थी। पत्थरबाजी मामले में अज्ञात के विरुद्ध रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट, भिलाई में धारा-154 रेल अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है। आरोपी की पतासाजी के लिए मुखबीर भी तैनात किए गए है।इसके साथ ही आरपीएफ के जवानों ने रेलवे लाइन के किनारे निवासरत लोगों को समझाइश देकर काउंसिलिंग की जा रही है।
दरवाजों के सेंसर में दिक्कत
वंदे भारत के दरवाजे सेंसर वाले हैं जरा भी तकनीकी खराबी आते ही वे अटक जाते हैं। ट्रेन के ईसीसी -1 कोच से दूसरे कोच की तरफ जाने के लिए बीच में लगा कांच का दरवाजा भी अटक गया था। उसके सेंसर में भी गड़बड़ी आ गई थी। कर्मियों ने इसे मैनुअली ऑपरेट करना शुरू किया। कुछ देर बाद सेंसर वाले स्थान को अच्छे से साफ किया तो सेंसर काम करने लगा।
ट्रेन में एलाउंसमेंट की आवाज बेहद धीमी, धाेखा खा रहे यात्री
वंदे भारत ट्रेन में सफर करना है तो स्वयं अलर्ट रहें। एनाउंसमेंट के दौरान ट्रेन अंदर ही आवाज धीमी आती है जो कि समझ में भी नहीं आती है। प्लेटफार्म पर खड़े लोगों को सुनाई देना तो मुमकिन ही नहीं है। ऐसे में यात्री ट्रेन के अंदर ही रह जा रहे हैं या फिर बाहर खड़े रह जाते हैं। रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन स्टेशनों में यानि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और गोंदिया में ट्रेन सिर्फ 2 मिनट ही रुकेगी। इतना सब जानते हैं फिर भी धोखा हो रहा है। धोखा होने के दो कारण है। पहला कारण ट्रेन का आटोमैटिक खुलने और बंद होने वाला दरवाजा है जिसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।
इसकी वजह यह है कि ट्रेन का स्टॉपेज सिर्फ 2 मिनट का है इतने में ही यात्रियों को नीचे उतरना और चढ़ना है। ऐसे में कई लोग यात्रा करने से या नीचे उतरने से रह जा रहे हैं। इसकी वजह ट्रेन के अंदर के एनाउंसमेंट सिस्टम को जिम्मेदार माना जा रहा है। ट्रेन चलने के समय एनाउंसमेंट होता तो है लेकिन इतना धीमा कि यात्रियों को कुछ समझ ही नहीं आता है। इसलिए कई बार प्लेटफार्म आने पर यात्री अपनी सीट से उठकर दरवाजे तक आते हैं तब तक डोर लॉक होने का टाइम हो जाता है।
Add Comment