नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) में 37 प्रतिशत से अधिक महिलाओं का मानना है कि पिछले तीन वर्षों में उनकी शराब की खपत में वृद्धि हुई है, जो शराब से जुड़ी आदतों पर महामारी के प्रभाव को दर्शाता है. यह दावा एक सर्वेक्षण (Survey) में किया गया है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि 45 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कहा कि उनके पीने की आवृत्ति बढ़ने का कारण ‘तनाव’ है. गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंकन ड्राइविंग’ (सीएडीडी) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में महामारी, उसके चलते लगाये गए लॉकडाउन, शराब की उपलब्धता में वृद्धि और खर्च के तरीके में बदलाव का उल्लेख महिलाओं में शराब की खपत में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों के रूप में किया गया है.
सीएडीडी ने एक बयान में कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 5,000 महिलाओं में से 37.6 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि उनकी शराब की खपत बढ़ गई है. उसने कहा, ‘42.3 प्रतिशत महिलाओं ने अपनी वृद्धि को अनियमित और अवसर-आधारित माना.’ शराब पीने में वृद्धि के लिए 34.4 प्रतिशत महिलाओं ने शराब की बढ़ी हुई उपलब्धता और 30.1 प्रतिशत ने ऊब को कारण के रूप में उल्लेखित किया.
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ, कार्यकर्ता और सीएडीडी के संस्थापक प्रिंस सिंघल ने कहा कि टेलीविजन पर शराब पीने के बारे में उदार दृष्टिकोण पेश किया जाना और तनाव दूर करने इसकी क्षमता के बारे में दिखाया जाना, इस घटना के लिए जिम्मेदार दो कारक हैं.
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