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मंकीपॉक्स का खतरा और गहराया, स्पेन में वायरस से पहली मौत दर्ज, 70% केस यूरोप में

मैड्रिड. स्पेन में शुक्रवार को मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस से पहली बार एक शख्स की मौत होने की सूचना दी गई है. यूरोप में मंकीपॉक्स के मौजूदा प्रकोप से जुड़ी ये पहली मौत मानी जा रही है. स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय के आपातकालीन और सतर्कता समन्वय केंद्र के अनुसार स्पेन मंकीपॉक्स से सबसे अधिक प्रभावित दुनिया के कुछ देशों में से एक है. अब तक स्पेन में करीब 4,298 लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं.

एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक केंद्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जो जानकारी उपलब्ध है, उसके अनुसार मंकीपॉक्स के 3,750 रोगियों में से 120 अस्पताल में भर्ती थे और एक मरीज की मौत इस मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से हो गई है. एक अधिकारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के नतीजे के नहीं आने के कारण मौत के विशिष्ट कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है.

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (The World Health Organization-WHO) ने पिछले शनिवार को मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (global health emergency) घोषित किया था. डब्ल्यूएचओ के अनुसार मई की शुरुआत से अफ्रीका के बाहर दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 18,000 से अधिक मामलों का पता चला है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयियस ने बुधवार को कहा कि 78 देशों में इसका पता चला है. जिसमें 70 प्रतिशत मामले यूरोप में और 25 प्रतिशत अमेरिका में पाए गए हैं.

भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 4 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से एक मामला दिल्ली में भी 24 जुलाई को सामने आया था. केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के प्रकोप को देखते हुए गाइडलाइन जारी की है. इसमें मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों के लिए 21 दिनों तक अलगाव में रहने का निर्देश दिया गया है. मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार के साथ सिरदर्द, गले में खराश के साथ शरीर की त्वचा पर घाव भी बनते हैं. ये लक्षण करीब तीन हफ्ते तक बने रहते हैं.

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