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एक झटके में इतने सस्ते होंगे खाने वाले तेल, सरकार ने लिया फैसला

बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को राहत भरी खबर मिल सकती है. सरकार खाने वाले तेल की कीमतों (Edible Oil Price) में कटौती के लिए उद्योग जगत की एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में खाने वाले तेल की कीमतों को कम करने को लेकर चर्चा हुई. आने वाले दिनों में खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है.

पिछले महीने भी कुछ तेल कंपनियों ने सरसों (Mustard oil Price) और सूरजमुखी तेल के दामों में कटौती का ऐलान किया था. हालांकि, अभी तक कम हुई कीमतों का असर खुदरा रेट पर नहीं दिखाई दे रहा है.
पिछले महीने हुई थी कटौती

इन दिनों ग्लोबल मार्केट (Global Market) में खाने वाले तेल के दामों गिरावट आई है. अब सरकार की कोशिश है कि वैश्विक स्तर पर आई गिरावट का असर खुदरा कीमतों में भी दिखे. पिछले महीने ‘धारा’ ब्रांड के खाद्य तेल (Edible Oil) बेचने वाली सहकारी कंपनी मदर डेयरी (Mother Dairy) और अडानी विल्मर (Adani Wilmar) ने कीमतों में कटौती करने का ऐलान किया था. मदर डेयरी ने 15 रुपये प्रति लीटर और अडानी विल्मर ने 10 रुपये प्रति लीटर कटौती का ऐलान किया था.

10-15 रुपये हो सकता है सस्ता
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि पिछले महीने खाने वाले तेल के दाम 300-450 डॉलर प्रति टन तक घटे हैं. इस वजह से एक बार फिर से उम्मीद जताई जा रही हैं कि तेल बनाने वाली कंपनियां कीमतों में कटौती का ऐलान कर सकती हैं. कहा जा रहा है कि इस बार भी 10-15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती संभव है.

जल्द जारी हो सकता है आदेश
ग्‍लोबल मार्केट में खाने के तेलों के गिरे रेट का असर घरेलू खुदरा मार्केट में फिलहाल नहीं देखने को मिल रहा है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने 22 जून को भी कहा था कि खुदरा बाजार में खाद्य तेलों के दाम नीचे आने लगे हैं. सरकार की कोशिश है कि गिरावट का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचे. सरकार और उद्योग जगत के बीच हुई बैठक के बाद जल्द ही तेल की कीमतों में कटौती के लिए निर्देश जारी हो सकता है.

60 फीसदी तेल आयात करता है भारत
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल इंपोर्ट (Palm Oil Import) करने वाला देश है. बीते कुछ हफ्तो में देश में सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई रूस और अर्जेंटीना से देशों से बढ़ी है. भारक यूक्रेन और रूस से सूरजमुखी तेल खरीदता है. यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का शिपमेंट फिलहाल बंद हो गया. अब भारत रूस से अधिक आयात करने की कोशिश कर रहा है. भारत अपने खाने वाले तेल जरूरत का 60 फीसदी से ज्‍यादा आयात से ही पूरा करता है.

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