रायपुर : छग संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा पिछले 80 दिनों से आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों खैरझिट्टी सिरपुर महासमुंद तुमगांव, पटेवा, बारनवापारा के सैकड़ों गांवों में निवासरत लाखों किसानों के नागरिक अधिकारों के हनन के खिलाफ अशोक कश्यप एवं नंदकिशोर यादव द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर 11 मई को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बीपी साहू ने विचार अभिव्यक्ति के अधिकार विशेषकर धरना प्रदर्शन सत्यागृह पर राज्य शासन के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कलेक्टर महासमुंद को दिये गये निर्देश में अनुमति नहीं देने के मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर उक्त मामले में प्रशासन द्वारा की गई मनमानी पर स्पष्टीकरण मांगा है।
उक्त मामले की जानकारी प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में छग संयक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद, प्रदेश किसान नेता जीपी चंद्राकर, राज्य आंदोलनकारी आदिवासी किसान मोर्चा अशोक कश्यप एवं तारेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से दी।
पत्रकारवार्ता में दुबे ने बताया कि छग में नौकरशाही का राज है। यहां पर भ्रष्टाचार चरमसीमा पर है। आदिवासी भूमि, कास्त भूमि, वनभूमि, चारागान भूमि पर उद्योगपति राजनेताओं अधिकारियों की मिलीभगत से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर स्टील पॉवर प्लांट करणी कृपा प्राइवेट लिमिटेड को शासकीय भूमि आबंटित की गई है।
जिला कलेक्टर महासमुंद द्वारा 4 मई को आदिवासी महिलाएं मिलने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंंची तो कलेक्टर ने मिलने से साफ इंकार कर दिया। जिसकी वजह से चल रहे सत्यागृही आंदोलन के खिलाफ तुमगांव प्रशासन द्वारा नोटिस पर नोटिस जारी करने के बाद भी हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जनता के पक्ष को सही ठहराया है।
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