देश में जारी कोरोना संकट के बीच Fake News का चलन काभी बढ़ गया है. सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे दावे किये जाते हैं, जिन्हें देखकर आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि ये सही है या फिर गलत? सवाल उठना लाजिमी भी है, क्योंकि इंटरनेट क्रांति के इस दौर में सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का भी अंबार लगा हुआ है.
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज Viral हो रहा है, जिसमें 500 के नोट के नकली होने का दावा किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में 500 रुपये के दो नोटों में अंतर बताए जा रहे हैं. इनमें एक नोट को सही और दूसरे को नकली बताया जा रहा है.
मैसेज में यह यह चेतावनी भी दी जा रही है कि 500 रुपये का ऐसा कोई भी नोट नहीं लेना चाहिए, जिसमें हरी पट्टी RBI गवर्नर के सिग्नेचर के पास न होकर गांधीजी की तस्वीर के पास हो. लोगों को गुमराह करने के लिए मैसेज में दोनों नोटों को दिखाया गया है. हालांकि मैसेज फर्जी है और दोनों नोट वैध हैं. RBI के मुताबिक 500 के दोनों नोट वैध हैं और इसे लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता.
एक मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि ₹500 का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है।#PIBFactCheck
➡️यह दावा #फ़र्ज़ी है।
➡️@RBI के अनुसार दोनों ही तरह के नोट मान्य होते हैं।🔗https://t.co/DuRgmRJxiN pic.twitter.com/AEGQfCM8kZ
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 11, 2022
PIB Fact Check की तरफ से ट्वीट कर बताया गया है कि दोनों ही नोट असली हैं. RBI के अनुसार दोनों नोट वैध हैं. पीआईबी की तरफ से यह भी कहा गया है कि कृपया ऐसे भ्रामक संदेशों को साझा न करें. बता दें कि सरकार की तरफ से बार-बार अपील की जाती है कि जब तक आधिकारिक घोषणा न हो तब तक भ्रामक खबरों (Fake News) पर यकीन नहीं करें.
इसके लिए PIB की तरफ से Fact Check की भी शुरुआत की गई है. इसका उद्देश्य लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना और भ्रामक खबरों के खिलाफ सचेत करना है. प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इंटरनेट पर प्रचलित गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों को रोकने के लिए दिसंबर 2019 में इस तथ्य-जांच विंग को लॉन्च किया. पीआईबी का उद्देश्य ‘सरकार की नीतियों और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रसारित होने वाली योजनाओं से संबंधित गलत सूचना की पहचान करना है.’
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