छत्तीसगढ़स्लाइडर

प्रदेश में ओबीसी की स्थिति साफ… सीएम के विस में 68% ओबीसी, लखमा के क्षेत्र में सबसे कम, रमन के यहां सबसे ज्यादा…

प्रदेश में ओबीसी की आबादी की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। राज्य के 146 ब्लाकों में आबकारी मंत्री कवासी लखमा के सुकमा जिले के कोंटा ब्लाक में सबसे कम 1.12 फीसदी ओबीसी हैं। सबसे अधिक पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के राजनांदगांव में 73.33 फीसदी है।

दूसरे नंबर पर भाजपा पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर का कुरूद है। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पाटन ब्लाक 68.18 प्रतिशत के साथ छठे नंबर पर है। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री पटेल के खरसिया में 44.03, धरसीवां (रायपुर) में 48.18 प्रतिशत ओबीसी हैं।

विधायक शिवरतन शर्मा के भाटापारा में 50 फीसदी से अधिक ओबीसी मिले हैं। मारवाही ब्लाक में 25 और डॉ. रेणु जोगी के कोटा में ब्लाक में 33 प्रतिशत से अधिक ओबीसी हैं। मालूम हो कि सरकार के कहने पर क्वांटीफायेबल डाटा आयोग ओबीसी व आर्थिक रूप कमजोर (ईडब्लूएस) की गिनती कर रहा है।

आयोग के सचिव बीसी साहू के अनुसार कोरोना की वजह से 2021 में अभी जनगणना शुरू नहीं हो सकी है, लेकिन आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अनुमानित आंकड़ों के आधार पर ओबीसी का प्रतिशत निकाला गया है। ताजा सर्वे के अनुसार सबसे कम ओबीसी वाले ब्लाकों में दूसरे नंबर पर नारायणपुर जिले के ओरछा में 1.78, फिर बीजापुर जिले के उसूर में 2.88, कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा में 3.24 और बस्तर के दरभा में 4.13 प्रतिशत ओबीसी पाए गए हैं।

सुकमा में 9.80 फीसदी ओबीसी हैं। 10 से 11 प्रतिशत के बीच अंतागढ़, नारायणपुपर, खड़गवां और भोपालपट्नम में हैं। 11 से 12 प्रतिशत वाले ब्लाक तोकोपाल, कुसमी व जगदलपुर हैं। 12 से 14 फीसदी तक छिंदगढ़, लोहंडीगुड़ा, मनोरा, मैनपाट, दुर्गकोंदल, केशकाल, सीतापुर, माकड़ी हैं।

14 से 15 प्रतिशत पोड़ी उपरोड़ा, फरसगांव, शंकरगढ़, मानपुर, बड़े राजपुर, गीदम हैं। 15 से 16 फीसदी बतौली, दंतेवाड़ा, बकावंड, बस्तर हैं। 17 व 18 फीसदी तक धर्मजयगढ़, पत्थलगांव, जशपुर, भरतपुर, मोहला, उदयपुर, मनेंद्रगढ़ कोंडागांव हैं। 19 से 20 प्रतिशत राजपुर बगीचा, लैलूंगा, लुंड्रा, भानूप्रतापपुर व सूरजपुर हैं।

इसी तरह 21 से 25 फीसदी तक कोरबा, बलरामपुर, फरसाबहार, गौरेला, प्रेमनगर, प्रतापपुर, नगरी, कांसाबेल, डौंडी, घरघोड़ा, नरहरपुर, ओड़गी, पेंड्रा और कुनकुरी में रहते हैं।इसी तरह 26 से 35 फीसदी तक मारवाही, रामचंद्रपुर, सरगुजा, सोनहत, तमनार, वाड्रफनगर, गरियाबंद, लखनपुर, पाली, तरतला, कांकेर, कोटा, मैनपुर, चौकी, सूरजपुर, छुरा, कटघोरा, रामानुजनगर व कोरिया में रहते हैं। 36 से 45 प्रतिशत ओबीसी दुलदुला, अकलतरा, रायगढ़, चारामा, बोड़ला, सक्ती में मिले हैं।

चुनावी रणनीति पर पड़ेगा प्रभाव
ओबीसी आबादी के मुताबिक राजनीतिक दल नए सिरे से विधानसभा चुनाव की रणनीति बना सकते हैं। हालांकि आरक्षित सीटों पर उनका बस नहीं चलेगा। इनमें आदिवासी इलाकों की सीटें भी हैं। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के भाटापारा में 50.2, मंत्री डॉ. शिव डहरिया के आरंग में 56.01 अन्य पिछड़ा वर्ग हैं।

खैरागढ़ जहां उपचुनाव हो रहा है 69.93 प्रतिशत ओबीसी हैं। स्पीकर डॉ. चरणदास महंत के सक्ती ब्लाक में करीब 41 प्रतिशत ओबीसी हैं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बिल्हा ब्लाक में करीब 42 फीसदी ओबीसी हैं।

Back to top button
close